Monday, January 13, 2025 |
Home » निजी क्षेत्र के बैंकों में कर्मियों के नौकरी बदलने की दर में बढ़ोतरी

निजी क्षेत्र के बैंकों में कर्मियों के नौकरी बदलने की दर में बढ़ोतरी

by Business Remedies
0 comments
punit jain

भारत में निजी क्षेत्र के बैंकों में कर्मचारियों के नौकरी बदलने की दर में काफी बढ़ोतरी देखी गई है, जो औसतन 25 फीसदी तक पहुंच गई है। यह प्रवृत्ति इन बैंकों के लिए परिचालन जोखिम पैदा कर रही है। भारतीय रिजर्व बैंक की बैंकिंग की प्रवृत्ति और प्रगति रिपोर्ट 2023-24 के अनुसार खासकर चुनिंदा निजी क्षेत्र के बैंकों और लघु वित्त बैंकों में यह दर अधिक पाई गई है। जानकारी के अनुसार वर्ष, 2023-24 के दौरान निजी बैंकों के कर्मचारियों की कुल संख्या सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से अधिक हो जाएगी। हालांकि, पिछले तीन वर्षों में निजी बैंकों में कर्मचारियों के नौकरी बदलने की दर तेजी से बढ़ी है, जिससे यह उनके लिए प्रमुख चुनौती बन गई है। इस तरह की स्थिति महत्वपूर्ण परिचालन जोखिम पैदा करती है, जिसमें ग्राहक सेवाओं में व्यवधान शामिल है। इसके अलावा संस्थागत ज्ञान की हानि और भर्ती लागत में वृद्धि होती है। रिजर्व बैंक ने जोर दिया है कि कर्मचारियों के नौकरी छोडऩे की प्रवृत्ति को कम करना सिर्फ मानव संसाधन का काम नहीं है, बल्कि एक रणनीतिक जरूरत है। बैंकों को दीर्घकालिक कर्मचारी जुड़ाव बनाने के लिए बेहतर जुड़ाव प्रक्रिया, व्यापक प्रशिक्षण और कॅरियर विकास के अवसर प्रदान करना, संरक्षण कार्यक्रम, प्रतिस्पर्धी लाभ और सहायक कार्यस्थल संस्कृति जैसी रणनीतियों को लागू करने की आवश्यकता है। इसके अलावा सोने के आभूषणों और आभूषणों के बदले कर्ज देने में पाई गई कई अनियमितताओं के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक ने निगरानी वाली इकाइयों को सलाह दी है कि वे स्वर्ण ऋण पर अपनी नीतियों, प्रक्रियाओं और व्यवहार की व्यापक समीक्षा करें, ताकि खामियों की पहचान की जा सके और समयबद्ध तरीके से उचित सुधारात्मक उपाय शुरू किए जा सकें।



You may also like

Leave a Comment

Voice of Trade and Development

Copyright @ Singhvi publication Pvt Ltd. | All right reserved – Developed by IJS INFOTECH