Monday, January 13, 2025 |
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देश में नहीं रूक रहा साइबर क्राइम

by Business Remedies
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देश में जैसे-जैसे सोशल साइट व डिजीटल का उपयोग बढ़ रहा है, वैसे-वैसे डिजीटल और साइबर क्राइम में बढ़ोतरी होती जा रही है। केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय भी आम लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार प्रेरित कर रहा है, फिर भी लगातार डिजीटल अरेस्ट, साइबर स्लेवरी आदि साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। डिजीटल अरेस्ट के मामलों में अपराधी स्वयं को पुलिस, सी.बी.आई., इंकम टैक्स अधिकारी आदि बता कर लोगों से व्हाट्सएप, स्काइप आदि प्लेटफार्मों पर वीडियो कॉल द्वारा सम्पर्क करके उन्हें आर्थिक धोखाधड़ी, टैक्स चोरी या अन्य कानूनों के उल्लंघन का हवाला देकर डिजीटल गिरफ्तारी की धमकी देते हैं। ये जालसाज लोगों पर गिरफ्तारी से बचने के लिए अपने किसी बैंक खाते में बड़ी रकम भेजने का दबाव बनाते हैं और उन्हें ठगने के बाद गायब हो जाते हैं। 18 दिसम्बर को बेंगलुरू में जालसाजों ने स्वयं को सी.बी.आई. अधिकारी बता कर मनी ड्रग का केस दर्ज करनेे का भय दिखाकर एक महिला को डिजीटल अरेस्ट करके उसके बैंक खाते का विवरण हासिल कर लिया और जांच-प्रक्रिया के नाम पर उससे 1.24 करोड़ रुपए ठग लिए। 23 दिसम्बर को ही कानपुर में साइबर ठगों ने स्वयं को सी.बी.आई. अधिकारी बता कर एक व्यक्ति को कई नंबरों से व्हाट्सएप और मोबाइल पर फोन करके उसका रिश्वतखोरी का वीडियो वायरल होने की धमकी देकर गिरफ्तारी से बचाने के लिए बार-बार रुपए मांग कर उससे लगभग 1.25 लाख रुपए ठग लिए। वहीं अब 24 दिसम्बर को ही जयपुर में एक मल्टीनेशनल कंपनी के इंजीनियर को 3 दिनों तक डिजीटल अरेस्ट रख कर उससे 1.35 लाख रुपए की ठगी करने के आरोप में एक छात्र को गिरफ्तार किया गया है। इनमें साइबर अपराधियों की ओर से पढ़े-लिखे और तकनीकी प्रशिक्षित युवाओं को आई.टी. क्षेत्र में रोजगार के लुभावने अवसरों का झांसा देकर दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में ले जाकर उनके पासपोर्ट व अन्य परिचय पत्र छीन कर तथा साइबर गुलाम बनाकर भारतीय नागरिकों के साथ साइबर धोखाधड़ी करने के लिए विवश किया जाने लगा है। हालांकि सरकार की ओर से साइबर क्राइम से बचने के लिए टेलीकॉम आप्रेटरों के जरिए साइबर क्राइम जागरूकता कॉलर ट्यून
बजा कर लोगों को सचेत किया जा रहा है, परन्तु इसके बावजूद लोग डिजीटल अरेस्ट का शिकार हो रहे हैं। वैसे तो ऑनलाइन ठगी के मामले विश्व भर में तेजी से बढ़ रहे हैं परंतु ऐसी ठगी का शिकार होने वालों में भारतीय सबसे अधिक हैं।



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