बिजनेस रेमेडीज़/नई दिल्ली। हिमाचल आधारित दवा निर्माण एवं बिक्री क्षेत्र में कार्यरत प्रमुख कंपनी बीटा ड्रग्स लिमिटेड ने शेयर बाजारों को सूचित किया है कि कंपनी एसएमई प्लेटफॉर्म से एनएसई और बीएसई दोनों के मैनबोर्ड में स्थानांतरित होगी। यह रणनीतिक कदम कंपनी के दीर्घकालिक विकास उद्देश्यों का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य संस्थागत क्षेत्र में निवेशक आधार का विस्तार करने के साथ-साथ लिक्विडिटी और दृश्यता बढ़ाना है।
बीडीएल का लक्ष्य विनियामक अनुमोदन और अनुपालन आवश्यकताओं के अधीन चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक माइग्रेशन प्रक्रिया को पूरा करना है। मैनबोर्ड में जाने का कंपनी का निर्णय उद्योग में अपनी स्थिति को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। बीडीएल को विश्वास है कि यह परिवर्तन निवेशकों के लिए अधिक अवसर प्रदान करेगा और कंपनी को अपने व्यावसायिक लक्ष्यों को अधिक प्रभावी ढंग से प्राप्त करने में सक्षम करेगा।
यह करती है कंपनी: बीटा ड्रग्स लिमिटेड फार्मास्युटिकल फॉर्मूलेशन निर्माण कंपनी है जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के लिए दवा उत्पादों के विकास, निर्माण और विपणन में लगी हुई है। बीटा ड्रग्स मुख्य रूप से ऑन्कोलॉजी उत्पादों के निर्माण में लगी हुई है। उत्पादों में कैंसर रोधी गोलियाँ, कैप्सूल, इंजेक्शन और लियोफिलिज्ड इंजेक्शन शामिल हैं। कंपनी के पास 50 से अधिक उत्पादों का पोर्टफोलियो है जिनका उपयोग विभिन्न कैंसर रोगों के इलाज के लिए किया जाता है।
बीटा ड्रग्स लिमिटेड एडली ग्रुप का एक हिस्सा है, जिसकी स्थापना वर्ष 1985 में हुई थी। कंपनी की विनिर्माण इकाई सोलन, हिमाचल प्रदेश में स्थित है।
Beta Drugs NSE के एसएमई प्लेटफॉर्म से एनएसई और बीएसई दोनों के मैनबोर्ड में स्थानांतरित होगी
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