बिजऩेस रेमेडीज/जयपुर
Vivekananda Global University (VJU), जयपुर ने अपने 8वें दीक्षांत समारोह के माध्यम से एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। यह समारोह राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर स्वामी विवेकानंद की जयंती के साथ मनाया गया, जो शैक्षणिक उत्कृष्टता और सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतीक है। राजस्थान के माननीय राज्यपाल हरीभाऊ बागड़े मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे और उन्होंने अपने प्रेरक संबोधन से कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की। कार्यक्रम का आरंभ शोभायात्रा, दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से हुआ।
इस समारोह में 1,342 छात्रों को डिग्रियाँ प्रदान की गईं, जिनमें 108 डिप्लोमा, 787 स्नातक और 447 परास्नातक छात्र शामिल थे। 50 शोधकर्ताओं को पीएच.डी. की उपाधियाँ दी गईं। इसके साथ ही, सुनील सेठी और प्रो. (डॉ.) बलराज सिंह को उनके क्षेत्रों में अद्वितीय योगदान के लिए मानद उपाधि प्रदान की गई। शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए 96 छात्रों को सम्मानित किया गया, जिसमें 41 स्वर्ण, 29 रजत और 26 कांस्य पदक शामिल हैं। इन उपलब्धियों ने वीजीयू के छात्रों और शिक्षकों की मेहनत और समर्पण को प्रदर्शित किया।राज्यपाल ने छात्रों को जीवन में निरंतर सीखने, नैतिकता और समाज सेवा के महत्व को समझने का संदेश दिया। उन्होंने भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को अपनाने और वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहने की बात कही। विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. ललित के. पंवार ने छात्रों को राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित किया।
वीजीयू के छात्रों ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया प्लेसमेंट: 850 छात्रों को शीर्ष कंपनियों में नियुक्ति मिली, जिसमें उच्चतम पैकेज ?42 लाख वार्षिक रहा।
खेल उपलब्धियाँ : अमेरिकी फुटबॉल, ग्रैपलिंग और कबड्डी में राष्ट्रीय और अंतर-विश्वविद्यालय स्तर पर पदक जीते।
सांस्कृतिक कार्यक्रम: रंगमंच, फैशन वीक और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों में छात्रों ने रचनात्मकता का प्रदर्शन किया।
छात्रों की प्रतिक्रियाएँ : . रिषभ (बीएससी, कृषि, स्वर्ण पदक) ने कहा कि यह मेरे और मेरे परिवार के लिए एक गर्व का क्षण है। विश्वविद्यालय ने न केवल मुझे शैक्षणिक रूप से मजबूत बनाया, बल्कि व्यक्तित्व विकास में भी मदद की। मैं अपने शिक्षकों और वीजीयू को इस सफलता का श्रेय देता हूँ।
2. आकांक्षा रॉय (बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर, स्वर्ण पदक) ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि वीजीयू में बिताए गए पाँच साल मेरे जीवन का सबसे बेहतरीन समय थे।
