Thursday, November 7, 2024 |
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Vedanta का बदलावकारी दृष्टिकोण :‘2वी और 1 सी’ के साथ विकास को बना रहे सशक्त

by Business Remedies
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बिजऩेस रेमेडीज/नई दिल्ली
Vedanta एक बदलावकारी यात्रा की ओर अग्रसर है, जो ‘2वी और 1सी’ रणनीति – वॉल्युम, वैल्यू एवं कॉस्ट रिडक्शन (मात्रा, मूल्य एवं कीमत में कमी) के माध्यम से धातु, तेल और गैस में अपनी क्षमता का सदुपयोग कर रहा है। यह महत्वाकांक्षी योजना एलुमिनियम और जिंक सेक्टर में विस्तार के साथ तेल एवं गैस में नवीकरणीय प्रयासों पर ध्यान केन्द्रित करती है। कंपनी का उद्देश्य 2026 तक जिंक की उत्पादन क्षमता को दोगुना करना, एलुमिनियम आपूर्ति श्रृंखला को पूरी तरह से इंटीग्रेट करना और तेल का उत्पादन बढ़ाना है।
एलुमिनियम और जिंक विभाग कंपनी की कमाई में योगदान देने वाले मुख्य कारक होगा, एलुमिनियम को क्षमता बढऩे और कम लागत का लाभ मिल रहा है, वहीं जिंक रिफाइन्ड धातुओं और चांदी का उत्पादन बढ़ा रहा है। उम्मीद है कि यह प्रगति वित्तीय वर्ष 26 के दौरान वेदांता के इन्क्रीमेंटल  में 85 फीसदी योगदान देगी। उम्मीद है कि अधिक वॉल्युम और विस्तारित वैल्यू-एडेड प्रोडक्ट क्षमता के साथ एलुमिनियम विभाग की कमाई वित्तीय वर्ष 25 तक दोगुना हो जाएगी। एक अनुमान के मुताबिक वित्तीय वर्ष 26 तक तेल और गैस सेक्टर में उत्पादन धीरे-धीरे बढ़ेगा, जिसमें राजस्थान फील्ड्स से उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी। वेदांता ने वित्तीय वर्ष 26 तक 25 फीसदी सालाना श्वक्चढ्ढञ्जष्ठ्र विकास दर का लक्ष्य रखा है, जिसे जिंक में वॉल्युम में बढ़ोतरी व एलुमिनियम में लागत में कमी से लाभ मिलेगा। अगले तीन सालों में मूल कंपनी का ऋण 3 बिलियन डॉलर कम करने पर ध्यान दिया जाएगा, पिछले ढाई सालों में कुछ ऐसे ही रूझान रहे हैं जब ऋण में 4.5 बिलियन डॉलर की कमी लाई गई है। वेदांता अपनी योजनाओं में स्थायित्व पर विशेष रूप से ध्यान दे रही है, इसी के मद्देनजर इकोजैन का लॉन्च किया गया, एक कम-कार्बन का जिंक प्रोडक्ट जिसका निर्माण नवीकरणीय उर्जा के उपयोग से किया जाता है। यह पहल स्थायित्व के लिए कंपनी की प्रतिबद्ध को दर्शाती है, जिसमें कंपनी के संचालन के लिए चौबीसों घण्टे नवीकरणीय उजौ के उपयोग की योजनाएं शामिल हैं। आने वाले समय में वेदांता की मौजूदा परियोजनाएं जैसे एलुमिनियम क्षमता को 3 मिलियन टन सालाना तक पहुंचाना और 2030 तक जिंक के उत्पादन को 1 मिलियन टन तक पहुंचाना- कंपनी की विकास योजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। उम्मीद की जा रही है कि बिजनेस युनिट्स के भावी डीमर्जर से विकास को गति मिलेगी और निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा। इन प्रयासों के साथ वेदांता वित्तीय वर्ष 26 में और आगे भी वित्तीय विकास एवं संचालन में दक्षता हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। अपने प्रयासों के साथ कंपनी ग्लोबल रिसोर्स सेक्टर में लीडर के रूप में स्थिति मजबूत बना रही है।



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