मुंबई (बिजनेस रेमेडीज़):
सेबी चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने म्यूचुअल फंड ट्रस्टीज़ से निवेशकों के हित की रक्षा के लिए त्वरित चेतावनी प्रणाली (early warning system) विकसित करने का आग्रह किया, जो अनियमितताओं का शीघ्र पता लगाकर समय पर हस्तक्षेप सुनिश्चित कर सके।
📌 मुख्य बिंदु:
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ट्रस्टी निवेशकों की सुरक्षा की पहली पंक्ति हैं और उन्हें सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
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ट्रस्टी को सवाल उठाने, मामले आगे बढ़ाने और आवश्यक दखल देने का अधिकार और नैतिक जिम्मेदारी।
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नए क्षेत्रों में समझ बढ़ानी जरूरी: डेरिवेटिव्स, ESG निवेश, वैकल्पिक परिसंपत्तियां, जोखिम विश्लेषण, पैसिव फंड, अंतरराष्ट्रीय निवेश, टोकनाइज्ड एसेट्स, AI-based पोर्टफोलियो मैनेजमेंट।
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म्यूचुअल फंड उद्योग की AUM पिछले दशक में 6 गुना बढ़कर 75.6 लाख करोड़ तक पहुंची, और निवेशकों की संख्या बढ़कर 5.6 करोड़ हुई।
💬 पांडेय का कहना है:
“ट्रस्टी निवेशकों के भरोसे की रीढ़ हैं। उनकी भूमिका अब औपचारिक नहीं, बल्कि नैतिक और रणनीतिक बन चुकी है। सतत निगरानी और जवाबदेही अनिवार्य है।”

