जयपुर। ‘Perfect Infraengineers Limited‘ कूलिंग सिस्टम के लिए हाइब्रिड थर्मल सोलर पैनल मुहैया करवाने वाली कंपनी है। कंपनी ने शेयर बाजारों को सूचित किया है कि कंपनी ने पिछली तिमाही में सीपीडब्ल्यूडी (केंद्रीय लोक निर्माण विभाग) के भारतीय वायु सेना मुख्यालय (वायु भवन) दिल्ली में और महानगर गैस लिमिटेड के बीकेसी कार्यालय की नई साइटों पर उसकी बचत के लिए हाइब्रिड थर्मल सोलर पैनल का परीक्षण किया था। यहां प्रमाणित बचत क्रमशः 36.4 फीसदी और 40.03 फीसदी दर्ज की गई। कई छोटे ऑर्डरों के अलावा कंपनी को पिछली तिमाही में बड़े ऑर्डर प्राप्त/पूरे हुए हैं।
कंपनी को टीई कनेक्टिविटी, पुणे से 50 लाख रुपए का ऑर्डर मिला। यह टीई द्वारा प्रौद्योगिकी का सफलतापूर्वक परीक्षण करने के बाद 160 टन के बड़े चिलर पर पहला ऑर्डर था। कंपनी को नवी मुंबई नगर निगम से 1 करोड़ रुपए का ऑर्डर मिला और यहां स्थापना पूरा हुआ। कंपनी को कॉर्पोरेशन टेक्नोपार्क, केरल से 50 लाख रुपए और न्यूक्लियर फ्यूल कॉम्प्लेक्स,हैदराबाद से 50 लाख रुपए का ऑर्डर मिला। कंपनी ने अब चेन्नई, गोवा, बैंगलोर के साथ-साथ हैदराबाद में इंस्टॉलेशन के साथ दक्षिणी भारत के बाजार में विस्तार किया है। कंपनी को पहला ऑर्डर जीएमआर (दिल्ली), एसएपी लैब्स (बैंगलोर), जॉन डीरे (पुणे), आईएफबी अप्लायंसेज (गोवा), पैनासोनिक इंडिया (दमन), बॉश इंडिया (चेन्नई) और डेमलर इंडिया (चेन्नई) और आगा खान विश्वविद्यालय (हैदराबाद)। से मिला है।
कूलिंग सिस्टम के लिए पेटेंटेड एचटीएस पैनल : ‘परफेक्ट इंफ्राइंजीनियर्स लि.’ कूलिंग सिस्टम के लिए हाइब्रिड थर्मल सोलर पैनल मुहैया
करवाने का कार्य करती है। कंपनी इन फाइबर थर्मल सोलर पैनल का निर्माण पेटेंटेड टेक्नोलॉजी द्वारा करती है। कमर्शियल बिल्डिंग में बिजली का खर्च कुल खर्च में 60 फ़ीसदी का हिस्सा रखता है। एचटीएस पैनल के उपयोग से कूलिंग सिस्टम में होने वाले कुल मासिक बिजली खर्च में 25 से 40 फ़ीसदी की कमी की जा सकती है। इन पैनल की आयु 15 वर्षों से अधिक है और 24 से 36 माह में आरओआई (रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट) निकल आता है। पीवी पैनल के मुकाबले एचटीएस पैनल के उपयोग से 90 फ़ीसदी कम जगह इस्तेमाल होती है। 32 स्क्वायर फीट की जगह पर एचटीएस पैनल से 3500 सोलर एनर्जी प्राप्त की जाती है जबकि इतनी ही जगह में पीवी पैनल से महज 300 वाट बिजली प्राप्त होती है। जब कंप्रेसर एचटीएस पैनल के माध्यम से काम करता है तो यह पार्षद लोड पर चलता है। तो long-run में आरपीएम में कमी दर्ज की जाती है, जिससे मशीन की आयु बढ़ती है। कंपनी द्वारा एचटीएस पैनल पर किसी प्रकार की निर्माण कमी की क्षति हेतु 5 वर्ष की वारंटी दी जाती है और सभी प्रकार के पार्ट्स पर 10 वर्षों तक सहयोग प्रदान किया जाता है। भारतीय एसी निर्माताओं द्वारा एचटीएस सिस्टम से संबंधित वारंटी को सहयोग प्रदान किया जा रहा है।