नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के नोएडा आधारित एलईडी डिस्प्ले सिस्टम और हियरिंग उपकरण की एक विस्तृत श्रृंखला का निर्माण एवं बिक्री करने वाली प्रमुख कंपनी ओएसईएल डिवाइसेज लिमिटेड ने शेयर बाजारों को सूचित किया है कि कंपनी को फार्मास्यूटिकल्स विभाग, भारत सरकार की ओर से चिकित्सा उपकरण उद्योग सुदृढ़ीकरण योजना के अनुसार “मेडिकल डिवाइस क्लस्टर घटक” के तहत उत्तर प्रदेश में अत्याधुनिक श्रवण सहायता परीक्षण सुविधा स्थापित करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। कुल परियोजना लागत 287.850 लाख रुपए और अनुदान सहायता वास्तविक व्यय का 50 फ़ीसदी से अधिक नहीं होगी, जो अधिकतम 143.925 लाख रुपए योजना के दिशानिर्देशों के तहत निर्धारित है। इससे कंपनी को अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाएं, डिजाइन और परीक्षण केंद्र बनाकर अपने बुनियादी ढांचे को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
यह करती है कंपनी: ओसेल डिवाइसेज लिमिटेड (पूर्व नाम इनोवेटिव इंफ्राटेक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड) की स्थापना 2006 में हुई थी और यह एलईडी डिस्प्ले सिस्टम और हियरिंग उपकरण की एक विस्तृत श्रृंखला बनाती है। कंपनी विज्ञापन मीडिया, बिलबोर्ड, कॉर्पोरेट बोर्डरूम, प्रेजेंटेशन, डिस्प्ले प्रमोशन, कमांड सेंटर और फ्रंट साइन जैसे वाणिज्यिक उपयोग के लिए सभी प्रमुख घटकों सहित एलईडी डिस्प्ले सिस्टम की एक विस्तृत श्रृंखला बनाती है। कंपनी के एलईडी डिस्प्ले सिस्टम एक सामग्री प्रबंधन प्रणाली से लैस हैं जो उन्हें फोन या कंप्यूटर से कनेक्ट करने और स्क्रीन पर प्रदर्शित करने की अनुमति देता है। कंपनी विकलांग लोगों, बुजुर्गों और लंबे समय से बीमार लोगों, जिनके सुनने का स्तर कम है, की सहायता के लिए हियरिंग उपकरण भी बनाती है, जिसे आमतौर पर स्वास्थ्य सहायक के रूप में जाना जाता है। श्रवण यंत्रों के लिए कंपनी का मुख्य ग्राहक भारतीय कृत्रिम अंग विनिर्माण निगम है। कंपनी डिजिटली प्रोग्रामेबल और नॉन-प्रोग्रामेबल हियरिंग एड बनाती है। ग्रेटर नोएडा में ओसेल की विनिर्माण सुविधा का उद्घाटन पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी ने किया है। संयंत्र की उत्पादन क्षमता प्रति वर्ष 15,000 वर्ग फुट एलईडी डिस्प्ले और प्रति वर्ष 4,00,000 यूनिट हियरिंग उपकरण की है।
OSEL Devices Limited को उत्तर प्रदेश में अत्याधुनिक श्रवण सहायता परीक्षण सुविधा स्थापित करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी,
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