Friday, December 19, 2025 |
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MSME की बड़ी उपलब्धि: अप्रैल–सितंबर में 9.52 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निर्यात

by Business Remedies
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Business Remedies / New Delhi (IANS): देश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) ने चालू वित्त वर्ष 2025–26 के दौरान अप्रैल से सितंबर की अवधि में 9.52 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निर्यात किया है। यह जानकारी गुरुवार को संसद में साझा की गई, जो यह दर्शाती है कि भारत के छोटे और मध्यम उद्योग देश की अर्थव्यवस्था और वैश्विक व्यापार में लगातार मजबूत भूमिका निभा रहे हैं।

MSME State Minister Shobha Karandlaje ने Lok Sabha में एक लिखित उत्तर में बताया कि यह निर्यात आंकड़ा Directorate General of Commercial Intelligence and Statistics (DGCIS) के पोर्टल से प्राप्त किया गया है। इसमें MSME से जुड़े उत्पादों के निर्यात डेटा को शामिल किया गया है। मंत्री ने कहा कि इस अवधि में भारत का निर्यात विशेष रूप से Electronics, Pharmaceuticals (Pharma) और Engineering Goods जैसे क्षेत्रों में मजबूत रहा है, जिनमें MSME की भागीदारी काफी अधिक है।

उन्होंने बताया कि DGCIS Portal के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025–26 (सितंबर तक) के दौरान MSME उत्पादों से जुड़े निर्यात का कुल मूल्य 9,52,023.35 करोड़ रुपए दर्ज किया गया है। यह प्रदर्शन देश के MSME सेक्टर की बढ़ती प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता और वैश्विक बाजारों में उसकी स्वीकार्यता को दर्शाता है।

MSME Export को और सशक्त बनाने के लिए सरकार ने Export Promotion Mission (EPM) की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य निर्यात से जुड़ी संपूर्ण व्यवस्था को मजबूत करना है। इस मिशन के तहत MSME को वित्तीय सहायता, बाजार तक पहुंच, गुणवत्ता मानकों की जानकारी, नियामकीय अनुपालन, नए अंतरराष्ट्रीय बाजारों की खोज और लॉजिस्टिक्स सपोर्ट जैसी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।

मंत्री ने बताया कि Export Incentive Schemes के जरिए MSME को आसान वित्त उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे उन्हें व्यापार विस्तार में मदद मिल रही है। इसके साथ ही कम GST दरों के कारण कच्चा माल और सेवाएं सस्ती हुई हैं, जिससे Small Businesses और Startups को निवेश बढ़ाने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिला है।

सरकारी प्रयासों के चलते Automobile, Textiles, Food Processing, Logistics और Handicrafts जैसे क्षेत्रों में Local Supply Chains मजबूत हुई हैं। इससे न केवल MSME और स्टार्टअप्स को आगे बढ़ने का अवसर मिल रहा है, बल्कि वैश्विक बाजार में “Made in India” को भी नई पहचान मिल रही है।



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