बिजऩेस रेमेडीज/नई दिल्ली
कृषि क्षेत्र में विशेष शोध के लिए दिए जाने वाले प्रतिष्ठित Mosaic Compnay Foundation अवार्ड एस एम सहगल फाउंडेशन (गुरुग्राम) के ऑडिटोरियम में आयोजित एक समारोह में कृषि वैज्ञानिकों को प्रदान किये गए। यह अवार्ड कृषि पोषकों पर विशेष शोध के लिए युवा वैज्ञानिकों को दिये जाते हैं। इनके लिए देशभर के कृषि वैज्ञानिकों के नए व प्रमाणिक शोधकार्यों के आधार पर ज्यूरी द्वारा वैज्ञानिकों का चयन किया जाता है।
इस वर्ष यह पुरस्कार चार विजेताओं को दिए गए। डॉ. गोपाल रामदास महाजन और डॉ. जयंत लेयेक को (संयुक्त) रूप से युवा वैज्ञानिक पुरस्कार से नवाजा गया। इसी के साथ डॉ. स्वयंभू घोष को उत्कृष्ट डॉक्टरेट अनुसंधान के लिए पुरस्कृत किया गया तथा डॉ. मोहसिना अंजुम को महिलाओं के लिए उत्कृष्ट डॉक्टरेट अनुसंधान के लिए पुरस्कार दिया गया। कृषि वैज्ञानिकों को नकद धनराशि, प्रशस्ति पत्र, गोल्ड मेडल व ब्लेजर देकर सम्मानित किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड (एएसआरबी), नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार थे. उन्होनें द मोज़ेक कंपनी फाउंडेशन द्वारा वार्षिक पुरस्कार पहल को मान्यता देते हुए, मुख्य अतिथि ने पौधों के पोषण में अनुसंधान को बढ़ावा देने की इस अनूठी पहल के लिए द मोज़ेक कंपनी फाउंडेशन को बधाई दी। इस अवसर पर मुख्य भाषण बेंजामिन प्रैट, उपाध्यक्ष, सरकार और सार्वजनिक मामले, द मोज़ेक कंपनी, डॉ. जे.सी. कत्याल, पूर्व कुलपति, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू), हिसार, और फ्लोरिस बील्डर्स, उपाध्यक्ष, वाणिज्यिक, बायोसाइंसेज उत्पाद प्रबंधन, द मोज़ेक कंपनी द्वारा दिया गया।
समारोह में रॉबिन एडविन, प्रबंध निदेशक, मोज़ेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने साझा किया कि ‘पौधों के पोषण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले कृषि वैज्ञानिकों को सम्मानित करना मोज़ेक के लिए सम्मान की बात है। मैं सर्वश्रेष्ठ डॉक्टरेट अनुसंधान और युवा वैज्ञानिकों के चयन की इस कठोर प्रक्रिया का नेतृत्व करने के लिए हमारे प्रतिष्ठित जूरी को बधाई देता हूं। मोज़ेक वैश्विक खाद्य सुरक्षा को लगातार मजबूत करने और महत्वपूर्ण जल संसाधनों की संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।’ कार्यक्रम में एस एम सहगल फाउंडेशन का परिचय देते हुए ट्रस्टी और सीईओ सुश्री अंजलि मखीजा ने मोज़ेक और एस एम सहगल फाउंडेशन की दीर्घकालिक साझेदारी ‘कृषि ज्योति’ कार्यक्रम के बारे में साझा किया, जो भारत के पांच राज्यों के 274 गांवों में ग्रामीण लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव हेतु कार्यरत है। उन्होंने बताया कि यह पुरस्कार कृषि विकास के लिए दोनों संगठनों की प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं। समारोह में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र, राज्य कृषि विश्वविद्यालय, भारतीय उर्वरक संघ, अंतर्राष्ट्रीय जिंक एसोसिएशन जैसे वैज्ञानिक कृषि समुदाय के आमंत्रित सदस्यों ने भाग लिया। आईपीएनआई, सीआईएमएमआईटी; सरकारी अधिकारी और अन्य राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थान के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
