Monday, December 8, 2025 |
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Mody University में अंतर्राष्ट्रीय गणित सम्मेलन का आयोजन

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बिजऩेस रेमेडीज/लक्ष्मणगढ़  Mody University ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, लक्ष्मणगढ़ में एक अंतर्राष्ट्रीय गणित सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसका विषय था रिसेंट ट्रेंडस इन मैथेमेटिक्स: मल्टी डिसीप्लीनरी एडवांसमेंट्स एंड इनोवेशंस। इस सम्मेलन के साथ ही राजस्थान गणित परिषद की 34वीं वार्षिक बैठक भी संपन्न हुई। यह आयोजन विश्वविद्यालय के संगीत सम्राट तानसेन सभागार में हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन और ऑफलाइन) में आयोजित किया गया, जिससे देश-विदेश के प्रतिभागियों को जोडऩा संभव हुआ। इस कार्यक्रम का आयोजन गणित विभाग, स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स एंड साइंसेस द्वारा किया गया। सम्मेलन के संरक्षक मोदी विश्वविद्यालय के अध्यक्ष प्रो. अशुतोष भारद्वाज थे, जबकि आयोजन के संयोजक डीन एवं विश्वविद्यालय की मस्ट मैनेजमेंट कमेटी के चेयरमैन प्रो. जितेन्द्र बिनवाल रहे। इस दौरान यूनिवर्सिटी आफ जोहानसबर्ग, South Africa से प्रोफेसर आरपी पंत मुख्य वक्ता के रूप में पहुंचे और मैथ के रिसेंट ट्रेंड्स के बारे में छात्राओं को जागरूक किया। बीट्स से रिटायर्ड प्रोफेसर सीबी गुप्ता, बीएचयू से डॉ. जितेंद्र सिंह और आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज से पहुंचे प्रोफेसर सुभाष कुमार ने भी छात्राओं का उत्साह वर्धन किया। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य यह रहा कि गणित की भूमिका को केवल एक अकादमिक विषय तक सीमित न रखते हुए, इसे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से जोडक़र प्रस्तुत किया जाए। इस उद्देश्य की पूर्ति करते हुए सम्मेलन में करीब 150 पंजीकरण और 6 टेक्निकल सेशन में 100 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए, जिनमें गणित के बहुआयामी प्रयोगों पर आधारित शोध कार्य शामिल रहे। इस आयोजन में राजस्थान गणित परिषद ने जहां सहयोगी की भूमिका निभाई वहीं Punjab National Bank ने भी प्रमुख संपॉसर के तौर पर अपनी भूमिका निभाई।
सम्मेलन की प्रमुख थीम निम्न थीं :
आपूर्ति श्रृंखला एवं लॉजिस्टिक्स अनुकूलन में गणित का उपयोग।
इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी में गणित की भूमिका।
गणितीय शिक्षा व समाज में इसकी पहुँच।
उत्पादन एवं संचालन प्रबंधन में गणित।
जैव-विज्ञान (बायोसाइंस) में गणित का योगदान।
फॉरेंसिक साइंस में गणित की प्रासंगिकता।
इन विषयों पर देश-विदेश के प्रख्यात शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, गणितज्ञों और छात्रों ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने अपने शोध प्रस्तुतियों में बताया कि किस प्रकार गणित का उपयोग आधुनिक समस्याओं को सुलझाने, तकनीकी विकास को गति देने और बेहतर निर्णय लेने में किया जा सकता है। विशेष रूप से लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति श्रृंखला, जैव-विज्ञान, और फॉरेंसिक जैसे विषयों में गणित की उपयोगिता को रेखांकित किया गया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि गणित केवल सिद्धांतों का नहीं बल्कि समाधान का भी विज्ञान है। सम्मेलन के अंत में आयोजकों ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया और आशा जताई कि इस प्रकार के आयोजन भविष्य में भी गणित की उपयोगिता को जन-जन तक पहुँचाने में सहायक सिद्ध होंगे। यह सम्मेलन गणित को एक समावेशी और आधुनिक विज्ञान के रूप में प्रस्तुत करने में अत्यंत सफल रहा।



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