Monday, December 8, 2025 |
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AI का महत्व

by Business Remedies
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punit jain

भारत के एआई क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए, मोदी सरकार ने 2024 में 10,300 करोड़ रुपए के आबंटन के साथ इंडिया एआई मिशन को मंजूरी दी। अगले पांच वर्षों में यह निर्धारित निधि इंडिया एआई मिशन के विभिन्न घटकों को गति प्रदान करने के लिए तैयार है। एक उच्च स्तरीय सामान्य कंप्यूटिंग सुविधा द्वारा समर्थित, इंडिया एआई मिशन अब भारतीय भाषाओं का उपयोग करके भारतीय संदर्भ के लिए स्वदेशी एआई कार्यक्रमों को लोकप्रिय बनाने करने के करीब है। एआई मॉडल की शुरुआत लगभग 10000 जीपीयू की कंप्यूटेशन सुविधा से हो रही है। इसमें जल्द ही शेष 8693 जीपीयूू जोड़े जाएंगे। इंडिया एआई मिशन के लॉन्च होने की 10 माह की अवधि में, नोडल मंत्रालय जबरदस्त प्रतिक्रिया प्राप्त करने और लगभग 18,693 ग्राफिक प्रोसेसिंग यूनिट, जीपीयू की एक उच्च स्तरीय और मजबूत सामान्य कंप्यूटिंग सुविधा बनाने में सक्षम रहा है। यह ओपन सोर्स मॉडल डीपसीक की तुलना में लगभग नौ गुना और चैटजीपीटी की तुलना में लगभग दो तिहाई है। मोदी सरकार ने उल्लेखनीय रूप से, भारत के जीपीयू बाजार को खोलने की शानदार पहल की है और यह भारत में जीपीयू बाजार खोलने वाली पहली सरकार है, जिससे छोटे स्टार्टअप, शोधकर्ता और छात्र उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग संसाधनों तक पहुंच प्राप्त कर सकते हैं। मोदी सरकार अगले कुछ दिनों में देश में संस्थाओं को एआई विकास के लिए 18,000 उच्च स्तरीय जीपीयू आधारित कंप्यूट सुविधाएं उपलब्ध कराएगी और उनमें से 10,000 पहले से ही उपलब्ध हैं। सरकार ने 10 कंपनियों का भी चयन किया है, जो 18, 693 जीपीयू की आपूर्ति करेंगी। इसके अतिरिक्त भारत अगले तीन से पांच वर्षों में अपना स्वयं का जीपीयू विकसित करेगा और अगले 10 महीनों में एक घरेलू आधारभूत एआई प्लेटफॉर्म की उम्मीद की जा सकती है। सरकार जल्द ही एक सामान्य कंप्यूट सुविधा शुरू करेगी, जहां स्टार्टअप और शोधकर्ता कंप्यूटिंग शक्ति तक पहुंच सकते हैं। जबकि वैश्विक जीपीयू एक्सेस की लागत लगभग ढाई से तीन डॉलर प्रति घंटा है, मोदी सरकार इसे केवल एक डॉलर प्रति घंटा पर प्रदान करेगी। शोधकर्ता, स्टार्टअप, शिक्षाविद, कालेज, आईआईटी सभी को इस कंप्यूटिंग शक्ति तक पहुंच मिल सकती है और वे आधारभूत मॉडल शुरू कर सकते हैं। इंडिया एआई डेटासेट प्लेटफॉर्म के माध्यम से सरकार का लक्ष्य उच्च गुणवत्ता वाले, गैर व्यक्तिगत डेटासेट तक पहुंच को सुव्यवस्थित करना और एक एकीकृत डेटा प्लेटफॉर्म बनाना है। जिससे एआई संचालित नवाचार में तेजी आती है।



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