भारत की जीडीपी भले ही दूसरी तिमाही में 5.4 प्रतिशत रही हो, लेकिन कोविड महामारी के बाद देश के 17 राज्यों ने 9 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर हासिल की है। हमारे देशवासियों के लिए खुश खबर है। पिछले दिनों ही पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्त वर्ष, 2021-22 और 2022-23 के दौरान 25 राज्यों ने अपने सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 7 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की है। इनमें से 17 राज्यों ने 9 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर हासिल की है, जिनमें गुजरात, केरल, तेलंगाना, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, बिहार, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और ओडिशा शामिल हैं। जहां पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश ने कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी की है, जिससे देश की खाद्य सुरक्षा मजबूत हुई है। वहीं, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और ओडिशा ने अपनी खनिज संपदा का उपयोग करके औद्योगिक प्रगति की है। वहीं महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक ने तकनीकी और औद्योगिक विकास में योगदान दिया, जबकि केरल, राजस्थान और गोवा जैसे पर्यटन-प्रधान राज्यों ने विदेशी मुद्रा आय में वृद्धि की। जहां तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश ने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में तेजी से काम किया, वहीं राजस्थान और गुजरात ने अक्षय ऊर्जा में अग्रणी भूमिका निभाई। पूर्वोत्तर राज्यों में कनेक्टिविटी सुधार ने व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा दिया है। केरल और तमिलनाडु ने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में नवाचार किया, जिससे मानव विकास सूचकांक में सुधार हुआ। गुजरात, पंजाब और तेलंगाना जैसी राज्यों ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए कई पहल की हैं। पीएचडीसीसीआई ने भारत के विकास को तेज करने के लिए एक नौ-आयामी रणनीति का प्रस्ताव भी रखा है, जिसमें व्यापार में सुगमता, बुनियादी ढांचे का विकास, निर्यात वृद्धि, कौशल विकास, और स्वास्थ्य व शिक्षा में निवेश को बढ़ावा देने की बात कही गई है। इससे जहां भारत की जीडीपी निरंतर आगे बढ़ेगी और सरकार भी नई योजनाओं पर कार्य कर पाएगी। वहीं देश आने वाले समय में खुशहाल व विकसित देशों की श्रेणी में गिना जा सकेगा।
भारत के 17 राज्यों की बढ़ती GDP
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