बिजनेस रेमेडीज/नई दिल्ली (आईएएनएस)। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) 16 जनवरी को राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस मनाने जा रहा है। इसी के साथ डीपीआईआईटी ने भारत में स्टार्टअप प्रदर्शन को लेकर लेटेस्ट आंकड़े जारी किए हैं। 2016 में स्टार्टअप इंडिया पहल की शुरुआत के बाद से 2024 तक रजिस्टर्ड स्टार्टअप की संख्या में जबरदस्त उछाल दर्ज हुआ है। 9 वर्षों में भारत में रजिस्टर्ड स्टार्टअप की संख्या 400 से बढक़र 157,000 से अधिक हो गई है। इस अवधि के दौरान, भारत में डेडिकेटेड स्टार्टअप पॉलिसी वाले राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या भी 4 से बढक़र 31 हो गई है। देश में फंडिंग स्पेस का प्रदर्शन भी अच्छा रहा है। 2016 में स्टार्टअप फंडिंग 8 बिलियन अमरीकी डॉलर थी, 2024 में बढक़र 115 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गई। इसी के साथ भारतीय स्टार्टअप ने रोजगार के अवसर भी पैदा किए। भारतीय स्टार्टअप द्वारा 1.7 मिलियन से अधिक नौकरियां सृजित की गईं। इन 9 वर्षों में यूनिकॉर्न की संख्या में भी तेजी से वृद्धि हुई है, जो कि 2016 में 8 से बढक़र अब 118 हो गए हैं। यूनिकॉर्न का मतलब एक ऐसे निजी स्वामित्व वाले स्टार्टअप से होता है जिसका वैल्यूएशन 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर या इससे ज्यादा होता है और जो किसी सार्वजनिक एक्सचेंज में लिस्ट नहीं है। भारत में अब 750 से ज्यादा जिलों में लोग स्टार्टअप शुरू करने की योजना बना रहे हैं, जबकि 2016 में ऐसे लोगों की संख्या मात्र 120 थी। केंद्र सरकार ने स्टार्टअप और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम बनाने और भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में निवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 16 जनवरी, 2016 को स्टार्टअप इंडिया पहल की शुरुआत की थी। 1 अप्रैल, 2016 को या उसके बाद इनकोर्पोरेटेड स्टार्टअप इनकम टैक्स छूट के लिए आवेदन कर सकते हैं। मान्यता प्राप्त स्टार्टअप जिन्हें अंतर-मंत्रालयी बोर्ड प्रमाणपत्र दिया जाता है, उन्हें इनकोर्पोरेशन के बाद से 10 वर्षों में से लगातार 3 वर्षों की अवधि के लिए इनकम टैक्स से छूट दी जाती है।
