बिजनेस रेमेडीज/नई दिल्ली। वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद इस वित्त वर्ष के पहले आठ माह (अप्रैल-नवंबर) के दौरान भारत का रेडीमेड (तैयार) परिधान निर्यात 11.4 प्रतिशत बढक़र 9.85 अरब डॉलर का हो गया, जो मेड-इन-इंडिया उत्पादों की मजबूत वैश्विक मांग का संकेत देता है। एईपीसी ने यह जानकारी दी। परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) ने कहा कि बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों के साथ निकट भविष्य में और अधिक संख्या में कारोबार भारत में स्थानांतरित हो जाएगा। एईपीसी के चेयरमैन सुधीर सेखरी ने कहा, ‘‘भारत की अंतर्निहित ताकत तथा केंद्र एवं राज्यों के मजबूत सहायक नीति ढांचे के साथ, भारत इसके लाभ को प्राप्त करने के लिए पूरी तरह तैयार है। एंड-टु-एंड मूल्य श्रृंखला क्षमता, कच्चे माल का एक मजबूत आधार और टिकाऊ जिम्मेदार व्यावसायिक व्यवहार पर ध्यान केंद्रित करने वाले कारखानों के साथ भारत निश्चित रूप से आने वाले समय में पर्याप्त वृद्धि देखेगा।’’ खासकर त्योहारी मौसम की मांग में तेजी को देखते हुए यह वृद्धि ‘मेड-इन-इंडिया’ (भारत में बने) उत्पादों के लिए वैश्विक ब्रांड के बढ़ते भरोसे को भी दर्शाती है।
सेखरी ने अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों से भारत आने और भारत टेक्स एक्सपो 2025 में भाग लेने की अपील की, जो भारत की संपूर्ण कपड़ा मूल्य श्रृंखला को एक ही छत के नीचे देखने का एक बड़ा मंच है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत टेक्स (टेक्सटाइल) रोड शो के दौरान विभिन्न देशों में गए हैं और अंतरराष्ट्रीय खरीदारों और खुदरा श्रृंखलाओं से हमें अभूतपूर्व प्रतिक्रियाएं मिली हैं। मुझे यकीन है कि यह मंच भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को बढ़ावा देते हुए बेहतर सहयोग और सोर्सिंग नेटवर्क का विस्तार करने में सक्षम होगा।’’