Monday, December 29, 2025 |
Home » शांति विधेयक मोदी सरकार का सबसे बड़ा वैज्ञानिक सुधार, परमाणु क्षेत्र में 60 साल की रुकावट टूटी : Dr. Jitendra Singh

शांति विधेयक मोदी सरकार का सबसे बड़ा वैज्ञानिक सुधार, परमाणु क्षेत्र में 60 साल की रुकावट टूटी : Dr. Jitendra Singh

by Business Remedies
0 comments

Business Remedies / New Delhi (IANS)। शांति विधेयक मोदी सरकार के सबसे बड़े वैज्ञानिक सुधारों में से एक है। इस विधेयक ने परमाणु क्षेत्र में पिछले करीब 60 साल से चली आ रही रुकावट को तोड़ दिया है। यह बात केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री Dr. Jitendra Singh ने रविवार को कही। उन्होंने कहा कि सस्टेनेबल हार्नेसिंग एंड एडवांसमेंट ऑफ न्यूक्लियर एनर्जी फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया यानी शांति (SHANTI) विधेयक भारत के परमाणु क्षेत्र में एक ऐतिहासिक सुधार है।

इससे शांतिपूर्ण, स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा के लिए परमाणु शक्ति का बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा। साथ ही, सुरक्षा, देश की संप्रभुता और जनहित से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। Dr. Jitendra Singh ने कहा कि इतने बड़े सुधार के बारे में पिछले छह दशकों तक सोचना भी मुश्किल था। यह Prime Minister Narendra Modi की सोच और नेतृत्व का ही परिणाम है कि पुराने डर और रुकावटों को हटाकर भारत की नीतियों को दुनिया के अच्छे उदाहरणों के अनुसार बदला गया। उन्होंने कहा कि Prime Minister Modi के तीसरे कार्यकाल की पहचान ही बड़े और मजबूत सुधार हैं, जिनमें विज्ञान, नवाचार और उद्यमिता पर खास ध्यान दिया गया है। पहले के सुधार राजनीतिक और रणनीतिक फैसलों के लिए जाने जाते थे, जबकि Modi 3.0 उन क्षेत्रों में बदलाव के लिए याद किया जाएगा, जो भारत के तकनीकी और आर्थिक भविष्य को तय करते हैं।

भारत की परमाणु नीति पर बात करते हुए मंत्री ने बताया कि Dr. Homi Jehangir Bhabha के समय से ही भारत का परमाणु कार्यक्रम विकास, स्वास्थ्य और ऊर्जा सुरक्षा के लिए बनाया गया था। शांति बिल इसी सोच को आगे बढ़ाता है और साफ बिजली, चिकित्सा उपयोग और शोध के लिए परमाणु ऊर्जा के विस्तार की अनुमति देता है।

Dr. Singh ने कहा कि AI, Quantum Technology और Data आधारित अर्थव्यवस्था के दौर में लगातार बिजली की जरूरत होती है। ऐसे में परमाणु ऊर्जा बहुत जरूरी है, क्योंकि यह दिन-रात भरोसेमंद बिजली देती है, जबकि कुछ नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत हमेशा उपलब्ध नहीं होते। उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे भारत Coal और अन्य Fossil Fuels से दूर जा रहा है, वैसे-वैसे परमाणु ऊर्जा उन्नत तकनीक, Digital Infrastructure और Strategic Sectors को सहारा देगी।

मंत्री ने कहा कि 2014 में भारत की परमाणु ऊर्जा क्षमता लगभग 4.4 Gigawatt थी, जो अब बढ़कर करीब 8.7 Gigawatt हो गई है।

सरकार का लक्ष्य है कि 2047 तक इसे लगभग 100 Gigawatt तक पहुंचाया जाए, जिससे देश की करीब 10 प्रतिशत बिजली परमाणु ऊर्जा से मिले और Net Zero लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिले।

उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र में परमाणु विज्ञान की बढ़ती भूमिका पर भी जोर दिया और कहा कि Cancer की जांच और इलाज में Nuclear Medicine और Isotopes का इस्तेमाल बढ़ रहा है, जिससे कई लोगों की जान बच रही है। इससे साफ है कि आज परमाणु विज्ञान मानव कल्याण और सामाजिक उन्नति के लिए एक महत्वपूर्ण शक्ति बनकर उभर रहा है।

भविष्य की तैयारियों का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि भारत Small Modular Reactor की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है। ये घनी आबादी वाले शहरों, औद्योगिक क्षेत्रों और नए आर्थिक क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हैं और ऊर्जा सुरक्षा के साथ पर्यावरण की भी रक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि शांति बिल को वैज्ञानिकों, Industry, Startups और Innovation से जुड़े लोगों का व्यापक समर्थन मिला है। यह दिखाता है कि भारत के परमाणु क्षेत्र को आधुनिक बनाने की जरूरत पर देश में आम सहमति है। यह बिल Modi Government 3.0 की उस सोच को दर्शाता है, जिसमें विज्ञान आधारित नीतियों से भारत को 2047 तक एक विकसित देश बनाने का लक्ष्य रखा गया है।



You may also like

Leave a Comment