Wednesday, October 16, 2024 |
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ऑल टाइम हाई पर पहुंचा Sensex

by Business Remedies
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बिजनेस रेमेडीज/मुंबई। बृहस्पतिवार को जोरदार तेजी के चलते बीएसई सेंसेक्स कारोबार के दौरान पहली बार 83,000 अंक के स्तर को पार कर गया। एनएसई निफ्टी भी अपने अबतक के उच्चतम स्तर पर बंद हुआ। विश्लेषकों के अनुसार, वैश्विक बाजारों में तेजी के बीच प्रमुख कंपनियों के शेयरों में लिवाली और विदेशी पूंजी प्रवाह से बाजार में तेजी आई।

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स कारोबार समाप्ति से पहले अच्छी लिवाली से पहली बार 83,000 अंक के पार पहुंच गया। सूचकांक कारोबार समाप्ति से एक घंटे पहले 1,593.03 अंक यानी 1.95 प्रतिशत उछलकर रिकॉर्ड 83,116.19 अंक पर पहुंच गया। अंत में यह 1,439.55 अंक यानी 1.77 प्रतिशत चढक़र अपने अबतक के उच्चतम स्तर 82,962.71 अंक पर बंद हुआ।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 470.45 अंक यानी 1.89 प्रतिशत के उछाल के साथ रिकॉर्ड 25,388.90 अंक पर बंद हुआ। दिन में कारोबार के दौरान निफ्टी 514.9 अंक चढक़र रिकॉर्ड 25,433.35 अंक तक चला गया था।
निफ्टी और सेंसेक्स मजबूती के साथ खुले और दोपहर तक एक दायरे में रहे।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘बाजार में तेजडिय़ों ने कारोबारी समाप्ति से पहले कमान संभाली और दोनों मानक सूचकांक नई ऊंचाई पर पहुंच गये। यूरोपीय केंद्रीय बैंक और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर में कटौती को लेकर उम्मीद से वैश्विक बाजार को सकारात्मक गति मिली।’’ सेंसेक्स की 30 कंपनियों में भारती एयरटेल, एनटीपीसी, जेएसडब्ल्यू स्टील, महिंद्रा एंड महिंद्रा, अदाणी पोर्ट्स, टेक महिंद्रा, लार्सन एंड टुब्रो, टाटा स्टील, भारतीय स्टेट बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक सबसे अधिक लाभ में रहे।

प्रमुख कंपनियों में नेस्ले एकमात्र कंपनी रही जिसमें गिरावट रही। रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजित मिश्रा ने कहा कि कारोबार के ज्यादातर समय खरीद-बिक्री हल्की रही। कारोबार के अंतिम एक-दो घंटों में सभी क्षेत्रों की प्रमुख कंपनियों के शेयरों में ताबड़तोड़ लिवाली से बाजार ऊपर चढ़ा। मझोली कंपनियों के शेयरों का प्रतिनिधित्व करने वाला बीएसई मिडकैप 1.32 प्रतिशत और स्मॉलकैप सूचकांक 0.79 प्रतिशत चढ़ा।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजय कुमार ने कहा, ‘‘अमेरिका में मुद्रस्फीति के आंकड़े बाजार के लिहाज से कुछ सकारात्मक रहे हैं। अगस्त में मुद्रास्फीति बढऩे की रफ्तार धीमी होकर 2.5 प्रतिशत रही जो इससे पहले 2.9 प्रतिशत थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इससे फेडरल रिजर्व के सितंबर में मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कमी का रास्ता साफ हुआ है। चूंकि मुख्य (कोर) मुद्रास्फीति 3.2 प्रतिशत पर ऊंची बनी हुई है, ऐसे में फेडरल रिजर्व सतर्क रह सकता है और संभवत: ब्याज दर में 0.50 प्रतिशत की कटौती नहीं करेगा और 0.25 प्रतिशत कटौती का विकल्प चुन सकता है।’’ शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को 1,755 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।



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