मुंबई, 7 अक्टूबर (IANS)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत में AI उत्पाद और सेवाओं के निर्माण का वैश्विक हब बनने की क्षमता है। उन्होंने यह बात Global Fintech Fest 2025 के छठे संस्करण में कही।
वित्त मंत्री ने बताया कि ऑनलाइन डीपफेक वीडियो और फ्रॉड से जुड़ी नई चुनौतियां तेजी से बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा,
“न्यू जेनरेशन फ्रॉड सिर्फ फायरवॉल्स को ब्रीच करने का मामला नहीं, बल्कि ट्रस्ट को हैक करने से जुड़ा है। अपराधी वॉइस क्लोनिंग, पहचान की नकल और असली दिखने वाले वीडियो बनाने में AI का इस्तेमाल कर रहे हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने 1.3 बिलियन डॉलर के IndiaAI Mission के शुभारंभ के साथ ग्लोबल AI क्षेत्र में निर्णायक कदम उठाए हैं।
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भारत का AI टैलेंट वैश्विक स्तर पर 16% है।
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भारतीय पब्लिक Gen-AI GitHub परियोजनाओं में दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता हैं।
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अनुमान है कि AI-enabled GCCs 2028 तक भारत के AI सर्विस मार्केट के 30-35% राजस्व में योगदान देंगे।
वित्त मंत्री ने फिनटेक सेक्टर के विकास में सरकार की भूमिका को रेखांकित किया:
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Aadhaar, UPI, Account Aggregator Framework और DigiLocker ने पब्लिक फाइनेंस और भुगतान प्रणालियों को बदल दिया।
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SEBI Check के माध्यम से निवेशकों को UPI, NEFT, RTGS, IMPS में रजिस्टर्ड मध्यस्थों की वेरिफिकेशन की सुविधा।
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नीति, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और दूरदर्शी विनियमन का संतुलित मिश्रण इनोवेशन और विकास को बढ़ावा देता है।
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत AI और फिनटेक के लिए प्रयोगशाला और इनोवेशन हब बन सकता है, जो विभिन्न global use-cases के अनुसार AI solutions विकसित और टेस्ट कर सके।
“इस प्रकार, भारत में विभिन्न AI प्रोडक्ट और सर्विस के निर्माण का ग्लोबल हब बनने की क्षमता है। हमारे पास डीप टैलेंट बेस और अनुकूल सरकारी नीतियां हैं, जो फिनटेक GCC के लिए अवसर प्रदान करती हैं।”
