Thursday, January 16, 2025 |
Home » ESIC से अक्टूबर में 17.80 लाख नए सदस्य जुड़े

ESIC से अक्टूबर में 17.80 लाख नए सदस्य जुड़े

by Business Remedies
0 comments
17.80 lakh new members joined ESIC in October

बिजनेस रेमेडीज/नई दिल्ली (आईएएनएस)। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) स्कीम से अक्टूबर में 17.80 लाख नए सदस्य जुड़े हैं। यह जानकारी श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा दी गई। ईएसआईसी सदस्यों की संख्या में अक्टूबर 2024 में सालाना आधार पर 3 प्रतिशत की बढ़त हुई है। आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर में जुड़े कुल 17.80 लाख सदस्यों में से 8.50 लाख या 47.75 प्रतिशत सदस्य 25 वर्ष तक की आयु के हैं, जो दिखाता है कि देश में रोजगार में बढ़ोतरी हो रही है।श्रम मंत्रालय के अनुसार, अक्टूबर में 21,588 नए प्रतिष्ठानों को ईएसआई योजना के सामाजिक सुरक्षा दायरे में लाया गया है, जिससे अधिक श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हुई है।

मंत्रालय ने आगे कहा कि पेरोल डेटा के लिंग-वार विश्लेषण से पता चला है कि अक्टूबर में महिला सदस्यों का शुद्ध नामांकन 3.52 लाख था। इसके अलावा कुल 42 ट्रांसजेंडर कर्मचारियों ने भी ईएसआई योजना के तहत पंजीकरण कराया है, जो समाज के हर वर्ग को अपने लाभ पहुंचाने के लिए ईएसआईसी की प्रतिबद्धता को दिखाता है। मंत्रालय के मुताबिक, पेरोल डेटा प्रोविजनल है क्योंकि डेटा जनरेशन एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। इस पहले सितम्बर के दौरान ईएसआईसी योजना में 20.58 लाख नए सदस्य जुड़े थे, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के संगठित क्षेत्र में पैदा हो रही नई नौकरियों की संख्या को दर्शाता है। केंद्र सरकार ईएसआईसी और आयुष्मान भारत- प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) को जोडऩे पर काम कर रही है। इससे 14.43 करोड़ ईएसआई लाभार्थियों को एबी-पीएमजेएवाई मेडिकल केयर के फायदे मिलने शुरू हो जाएंगे।

इस स्कीम के शुरू होने के बाद ईएसआईसी लाभार्थियों को देश भर में 30,000 से अधिक एबी-पीएमजेएवाई-सूचीबद्ध अस्पतालों में माध्यमिक और तृतीयक चिकित्सा सेवाओं का लाभ मिलेगा। यह लाभ “उपचार लागत पर कोई वित्तीय सीमा के बिना” प्राप्त किया जा सकता है। वर्तमान में ईएसआई योजना 165 हॉस्पिटल, 1,590 डिस्पेंसरी, 105 डिस्पेंसरी कम ब्रांच ऑफिस (डीसीबीओ) और लगभग 2,900 सूचीबद्ध निजी हॉस्पिटलों के तहत चिकित्सा देखभाल प्रदान करती है।
पिछले 10 वर्षों में, ईएसआई योजना देश के 788 जिलों में से 687 जिलों में लागू की गई है। 2014 में यह योजना 393 जिलों में थी।



You may also like

Leave a Comment

Voice of Trade and Development

Copyright @ Singhvi publication Pvt Ltd. | All right reserved – Developed by IJS INFOTECH