बिजऩेस रेमेडीज/हैदाराबाद Bharat Supply जो कनेक्ट इंडिया और फाम्र्स की लॉजिस्टिक्स शाखा के विलय से बनी ‘बियॉन्ड-मैट्रोस’ लॉजिस्टिक्स कंपनी है, ने N. Balakrishna को मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) नियुक्त किया है। इस कदम से पहले वे स्नोमैन लॉजिस्टिक्स में मुख्य वित्तीय अधिकारी के रूप में कार्यरत थे।
Balakrishna, जो एक चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय भूमिकाओं में 14 वर्षों का अनुभव रखते हैं, कंपनी की वित्तीय रणनीति, जोखिम प्रबंधन और निवेशक संबंधों का नेतृत्व करेंगे। वे पहले भी लोहा-इस्पात निर्माण, दूरसंचार, आईटी और वेयरहाउसिंग सहित कई क्षेत्रों में काम कर चुके हैं। यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब भारत का लॉजिस्टिक्स क्षेत्र तेज़ी से बदलाव से गुजर रहा है—विभिन्न परिवहन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर कर कटौती, अनुपालन के डिजिटलीकरण में बदलाव और सरकारी कार्यक्रमों के नए प्रोत्साहन, साथ ही जीएसटी सरलीकरण इन परिवर्तनों के केंद्र में हैं। छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में ई-कॉमर्स के विस्तार के साथ, लास्ट-माइल सेवाओं की मांग तेज़ी से बढ़ रही है। भारत सप्लाई अग्रणी उद्योग ब्रांडों—ई-कॉमर्स, कृषि और कंज़्यूमर ड्यूरेबल्स—के साथ मिलकर भारत के आंतरिक क्षेत्रों में उपभोक्ताओं और छोटे व्यवसायों तक सामान पहुँचाती है और उन्हें बड़े बाज़ारों से जोड़ती है। कंपनी ने कहा कि बालकृष्णा की वित्तीय योजना और ट्रेजऱी प्रबंधन में विशेषज्ञता उसकी आक्रामक विस्तार रणनीति और आने वाले फंडरेजिंग कार्यक्रमों को और मज़बूती प्रदान करेगी। भारत सप्लाई, जिसमें आविष्कार कैपिटल, कॉर्नेलियस (कॉनी) बोएर्श- कॉनी एंड कंपनी के संस्थापक – और सिंगापुर के एंजल निवेशक कोह बून व्ही जैसे प्रमुख निवेशक शामिल हैं, पहले ही 2 लाख से अधिक गाँवों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुकी है।
अपनी विकास रणनीति के तहत 2025 के अंत तक देश के 800+ जि़लों में से 300 से अधिक जि़लों तक अपने नेटवर्क का विस्तार करने की योजना बना रही है। Balakrishna ने कहा कि भारत सप्लाई से इस निर्णायक विकास चरण में जुडक़र मैं उत्साहित हूँ। भारत का लॉजिस्टिक्स क्षेत्र तकनीक अपनाने, नियामकीय स्पष्टता और सप्लाई-चेन एकीकरण से रूपांतरित हो रहा है, जो दक्षता को बढ़ा रहा है। मेरा ध्यान मज़बूत वित्तीय नींव बनाने, ‘भारत’ क्षेत्रों में टिकाऊ विस्तार का समर्थन करने और हमारे भागीदारों व निवेशकों के लिए दीर्घकालिक मूल्य सृजन पर होगा।
