भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को स्पष्ट किया कि UPI (Unified Payments Interface) ट्रांजैक्शन पर किसी भी प्रकार का चार्ज लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
उन्होंने कहा कि UPI के संचालन में कुछ खर्च जरूर होते हैं, लेकिन फिलहाल इन खर्चों को ग्राहकों पर नहीं डाला जाएगा। मल्होत्रा ने यह भी कहा कि उन्होंने कभी यह दावा नहीं किया कि UPI हमेशा मुफ्त रहेगा, लेकिन अभी ऐसी कोई योजना नहीं है कि ट्रांजैक्शन पर शुल्क लगाया जाए।
📊 UPI Transactions का ग्रोथ:
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सितंबर में UPI ट्रांजैक्शन बढ़कर 19.63 बिलियन हो गए, जो पिछले साल की तुलना में 31% अधिक है।
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ट्रांजैक्शन वैल्यू ₹24.90 लाख करोड़ रही, जो सालाना आधार पर 21% की वृद्धि दिखाती है।
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अगस्त की तुलना में भी मामूली बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
इस बीच, RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने repo rate को 5.5% पर स्थिर रखा है और neutral stance बनाए रखा है।
आरबीआई ने अनुमान जताया कि 2025-26 की औसत मुद्रास्फीति दर 3.1% से घटाकर 2.6% रहेगी, जो खाद्य कीमतों और GST rate cut के कारण संभव हुआ है।
➡️ इसका सीधा असर ग्राहकों, बैंकों और digital payment ecosystem पर पड़ेगा, जिससे आने वाले समय में UPI और भी तेज़ी से बढ़ सकता है।
