बिजनेस रेमेडीज/नई दिल्ली (आईएएनएस)। भारत के 11वें स्थान से दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की यात्रा निर्णायक तकनीकी और नवाचार-प्रधान प्रयासों से संभव हुई है। यह बात केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोमवार को कही।
वे पहले ‘एमर्जिंग साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन कॉन्क्लेव (ESTIC-2025)’ के कर्टेन रेजर कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। यह आयोजन 3 से 5 नवम्बर तक भारत मंडपम में होगा। डॉ. सिंह ने कहा, “पिछले 11 वर्षों में भारत की यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सतत राजनीतिक दृष्टि और निर्णयात्मक तकनीकी-नवाचार आधारित पहल का परिणाम है।”
उन्होंने बताया कि इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य उभरती और अग्रणी तकनीकों जैसे सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, बायोटेक्नोलॉजी, अंतरिक्ष और स्वच्छ ऊर्जा पर विशेष ध्यान केंद्रित करना है। ये क्षेत्र देश की रणनीतिक आत्मनिर्भरता और भविष्य की मजबूती के लिए अहम हैं। डॉ. सिंह ने कहा, “श्वस्ञ्जढ्ढष्ट-2025 शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं, उद्योग जगत और उद्यमियों को एक मंच पर लाकर भारत के ‘विकसित भारत 2047’ के लिए वैज्ञानिक रोडमैप तैयार करने का अवसर देगा।
यह मंच युवा नवोन्मेषकों को अपने विचार प्रदर्शित करने, मेंटर्स से जुडऩे और भविष्य के मानव संसाधन को सामने लाने का अवसर भी देगा।” प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. अजय कुमार सूद ने बताया कि ESTIC-2025 नवाचार और सहयोग के एक नए युग की शुरुआत करेगा, जिसमें 13 मंत्रालय और विभाग एक साथ काम करेंगे। इनमें स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, ऊर्जा, अंतरिक्ष, इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी और पर्यावरण जैसे क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह कॉन्क्लेव संवाद, ज्ञान-विनिमय और ठोस कार्ययोजनाओं के लिए एक जीवंत मंच साबित होगा, जिसमें वैश्विक विशेषज्ञों, नोबेल पुरस्कार विजेताओं और युवा शोधकर्ताओं की भागीदारी होगी।
