बिजऩेस रेमेडीज/नई दिल्ली
नॉर्थ दिल्ली में 2 मिलियन से अधिक ग्राहकों को बिजली सप्लाई करने वाली अग्रणी पावर यूटिलिटी टाटा पावर-डीडीएल और क्योतो (जापान) की निसिन इलैक्ट्रिक कं. लिमि. मिलकर भारत के पहले पावर वोल्टेज ट्रांसफॉर्मर वाले माइक्रो सबस्टेशन से बिजली सप्लाई का डेमोन्स्ट्रेशन प्रोजेक्ट शुरू करेंगे। इस प्रोजेक्ट के जरिए बिना पावर ग्रिड वाले इलाकों के लिए स्थिर बिजली सप्लाई सुनिश्चित की जाएगी।
यह प्रोजेक्ट जापान की एनर्जी एफिशिएंसी टेक्नोलॉजी संबंधी इंटरनेशनल डेमोन्स्ट्रेशन प्रोजेक्ट का हिस्सा है जिसे न्यू एनर्जी एंड इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन द्वारा सार्वजिनक रूप से प्रस्तुत किया जाना है। प्रोजेक्ट को चालू करने के लिए टाटा पावर-डीडीएल तथा निसिन इलैक्ट्रिक ने 21 अगस्त, 2024 को एक प्रोजेक्ट समझौते (पीए) पर हस्ताक्षर किए। यह प्रोजेक्ट भारत के दूरदराज वाले उनइलाकों में किफायती और स्थिर पावर सप्लाई सुनिश्चत करेगा जो पावर ग्रिड से काफी दूरी पर स्थित हैं या जहां पूरी तरह से तैयार ग्रिड उपलब्ध नहीं है लेकिन पावर ट्रांसमिशन लाइनें नजदीकी हैं। ऐसे में अधिक बजट और इंस्टॉलेशन के लिए बड़े स्थान पर किसी भारी-भरकम नेटवर्क को स्थापित करने की बजाय पीवीटी वाले माइक्रो सबस्टेशन आसपास के बाशिन्दों के लिए सीधे ट्रांसमिशन लाइंस से हाइ-वोल्टेज पावर को लो वोल्टेज पावर में बदल सकता है। इस डेमोन्स्ट्रेशन प्रोजेक्ट के लिए, 100 द्मङ्क्र इंस्टॉलेशन के जरिए 3 फेज 66 किलो वोल्ट को 1 फेज 240 वोल्टमें बदला जाएगा। इसे इंस्टॉल करने के लिए लगभग 40 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की आवश्यकता है। इस खास किस्म की इंस्टॉलेशन के लिए सभी जरूरी बिजली उपकरणों (प्रोटेक्शन एवं स्विचगीयर) को कस्टमाइज किया जाएगा। यह टैक्नोलॉजी मुख्य रूप से चुनौतीपूर्ण भूगोल वाले दूरदराज के इलाकों के लिए कम खर्चीली और भरोसेमंद बिजली सप्लाई उपलब्ध कराने के मकसद से पेश की गई है। यह माइक्रो-सबस्टेशन डिजास्टर रिकवरी में योगदान देने की क्षमता रखता है।
टाटा पावर-डीडीएल के सीईओ गजानन एस. काले ने इस प्रोजेक्ट के बारे में कहा कि हम इस उल्लेखनीय प्रोजेक्ट के लिए निसिन इलैक्ट्रिक के साथ हाथ मिलाते हुए बेहद उत्साहित हैं, जो कि पावर सप्लाई के परिदृश्य को बदल देगी। साथ ही, यह सस्टेनेबल एवं भरोसेमंद बिजली सप्लाई की टाटा पावर-डीडीएल की प्रतिबद्धता के भी अनुरूप है। यह प्रोजेक्ट देश के दूरदराज वाले और ग्रामीण क्षेत्रों में पावर सप्लाई से जुड़ी समस्याओं को समाधान करेगा।
इस डेमोन्स्ट्रेशन प्रोजेक्ट को विव 2025 तक चलाए जाने की योजना है। दिल्ली के बाहरी इलाके में किसी सबस्टेशन पर उपकरणों की जांच के बाद, कंपनी मार्च 2025 से परिचालन शुरू करेगी। यह भारत में पीवीटी के साथ माइक्रो सबस्टेशन का पहला डेमोन्स्ट्रेशन प्रोजेक्ट है।
इस प्रोजेक्ट के उद्देश्यों के बारे में, केंजी कोबायाशी, मैनेजिंग डायरेक्टर, निसिन इलैक्ट्रिक कं. लिमि. ने कहा, कि निसिन इलैक्ट्रिक में, हम अपने बिजनेस वर्टिकल्स में एसडीजी को बढ़ावा देने के प्रयासों में तेजी ला रहे हैं। दूसरी ओर, यह प्रोजेक्ट एसडीजी के दो क्षेत्रों को लक्षित करता है – किफायती एवं स्वच्छ ऊर्जा, इनोवेशन एवं इंफ्रास्ट्रक्चर, जबकि दूसरी ओर, भारत में हमारे पार्टनर टाटा पावर-डीडीएल के साथ मिलकर यह भारत के बदलते एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर में महत्वपूर्ण योगदान करेगा। निसिन इलैक्ट्रिक, प्रोजेक्ट के लिए टाटा पावर-डीडीएल के साथ मिलकर पर्यावरण संबंधी अनुपालनों, पावर सप्लाई की विश्वसनीयता, पावर क्वालिटी की उपयोगिता तथा डेटा के आधार पर लोकल लोड संबंधी जानकारियों की भी पुष्टि करेगी। इसके अलावा, जिन इलाकों में पावर ग्रिड नहीं है या जहां अभी तक बिजलीकरण नहीं हुआ है, उनके लिए कंपनी स्थिर पावर सप्लाई के लिए टैक्नोलॉजी स्थापित करेगी। साथ ही, यह भारत के अन्य इलाकों में भी संभवत: टाटा पावर-डीडीएल के सहयोग से और इसी प्रकार की समस्या से जूझ रहे अन्य देशों में भी इस टैक्नोलॉजी का विस्तार करेगी।
इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने से पहले, न्यू एनर्जी एंड इंडस्ट्रियल टैक्नोलॉजी डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन ने पीवीटी की मदद से पावर सप्लाई करने वाले डेमोन्स्ट्रेशन प्रोजेक्ट के लिए,भारत के विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्यरत अग्रणी गैर-बैंकिंग वित्तीय निगम – पावर फाइनेंस कार्पोरेशन लिमिटेड (पीएफसी) के साथ इस वर्ष 10 जनवरी को एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए थे।
