बिजनेस रेमेडीज/नई दिल्ली। नई दिल्ली आधारित ‘शील बायोटेक लिमिटेड’ टिशु कल्चर, ऑर्गेनिक फार्मिंग, ग्रीनहाउस टेक्नोलॉजी, लैंडस्कैपिंग के क्षेत्र में कार्यरत देश की प्रमुख कंपनी है। कंपनी द्वारा पूंजीगत व्यय, कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों की पूर्ति हेतु एनएसई इमर्ज प्लेटफार्म पर आईपीओ लाया जा रहा है। बिजनेस रेमेडीज की टीम ने कंपनी के प्रोस्पेक्ट्स से कंपनी की कारोबारी गतिविधियों के संबंध में जानकारी हासिल की है।
कारोबारी गतिविधियां: नवंबर 1991 में निगमित, शील बायोटेक लिमिटेड बायो टेक्नोलॉजी, फ्लोरीकल्चर, ग्रीनहाउस और ऑर्गेनिक परियोजनाओं में विशेषज्ञता रखती है। कंपनी टिशू कल्चर और ऑर्गेनिक खेती के माध्यम से विभिन्न प्रकार की फसलों, फलों, सब्जियों और सजावटी पौधों की खेती और आपूर्ति करती है। कंपनी ग्रीनहाउस का निर्माण और रखरखाव करती है, किसानों को सेवाएं प्रदान करती है और एफपीओ के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान करती है। कंपनी सरकारी और निजी क्षेत्रों को लैंडस्कैपिंग सेवाएं भी प्रदान करती है। कंपनी के पास आईएसओ 9001:2015, 14001:2015 और 45001:2018 प्रमाणपत्र हैं, जो गुणवत्ता, पर्यावरणीय उत्तरदायित्व और सुरक्षा के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। कंपनी की अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला को भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा मान्यता प्राप्त है। कंपनी की मानेसर में टिशु कल्चर आधुनिक लैब स्थापित है। उत्तरप्रदेश के पिलखुवा में करीब 40 एकड़ क्षेत्रफल पर कंपनी प्लांट डेवलपमेंट करने का कार्य कर रही है।
सेवाएं और उत्पाद :
प्लाटिंग मटेरियल : टिशू कल्चर और हाइड्रोपोनिक्स का उपयोग करते हुए, कंपनी विभिन्न फसलों जैसे फल, पुष्प-कृषि, वानिकी और सजावटी पौधों के लिए उच्च-गुणवत्ता वाली, रोग-मुक्त प्लाटिंग मटेरियल का उत्पादन करती है। कंपनी की आधुनिक टच लैब में प्रतिवर्ष 1.5 करोड़ से अधिक उच्च क्वालिटी के प्लाटिंग मटेरियल विकसित किया जा रहे हैं।
हॉर्टिकल्चर परियोजनाएं : शील बायोटेक ग्रीनहाउस, एक्सीलेंस सेंटर, इंटीग्रेटेड पैकहाउस और अन्य टर्नकी परियोजनाओं की डिज़ाइन और कार्यान्वयन करती है, जिनमें फसल की उपज और गुणवत्ता को अनुकूलित करने के लिए जलवायु नियंत्रण, स्वचालन, ड्रिप सिंचाई और फर्टिगेशन जैसी आधुनिक तकनीकों को शामिल किया जाता है।
ऑर्गेनिक खेती को अपनाना और प्रमाणन: कंपनी राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम (एनपीओपी) और सहभागी गारंटी प्रणाली (पीजीएस) के अनुरूप ऑर्गेनिक खेती अपनाने और प्रमाणन सेवाएं प्रदान करके किसानों को ऑर्गेनिक खेती अपनाने में सहायता करती है।
किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) प्रबंधन: शील बायोटेक, एफपीओ की स्थापना और प्रबंधन में सहायता प्रदान करता है तथा किसानों की बेहतर सेवाओं और इनपुट्स तक पहुंच बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण, कौशल विकास और बाज़ार संपर्क सहायता प्रदान करती है।
कौशल विकास: कंपनी किसानों और कृषि उद्यमियों को आधुनिक कृषि पद्धतियों और तकनीकों के बारे में शिक्षित करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम, सेमिनार, कार्यशालाएं और एक्सपोजऱ यात्राएं आयोजित करती है।
भावी योजना : कंपनी शील बेरी सेगमेंट में भारी मांग वाला ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी और रास्पबेरी हाई वैल्यू टिशु कल्चर उपलब्ध करवाती है। इसके साथ ही कंपनी इस सेगमेंट में बड़ा प्रोजेक्ट स्थापित करने की भावी योजना पर प्रयासरत है। इसके लिए कंपनी ने 2021 में अमेरिका आधारित ब्लूबेरी सेगमेंट की प्रमुख कंपनी एमकोकल प्लांट वैराइटी एडमिनिस्ट्रेशन सर्विसेज लिमिटेड के साथ करार किया है। अब कंपनी ने इस सेगमेंट में विशेषज्ञता विकसित कर ली है। आने वाले दिनों में कंपनी के राजस्व और लाभ में कंपनी का यह सेगमेंट गेम चेंजर साबित हो सकता है। भारत सरकार पैक हाउस और कोल्ड स्टोरेज स्थापना विशेष ध्यान दे रही है। यह सेगमेंट भी कंपनी के लिए आने वाले समय में बहुत बड़ा साबित हो सकता है और कंपनी इस पर विशेष फोकस भी कर रही है।
वित्तीय प्रदर्शन: वित्त वर्ष 2023 में कंपनी ने 80.19 करोड़ रुपए का कुल राजस्व और 5.08 करोड़ रुपए का कर पश्चात शुद्ध लाभ, वित्त वर्ष 2024 में कंपनी ने 92.55 करोड़ रुपए का कुल राजस्व और 10.47 करोड़ रुपए का कर पश्चात शुद्ध लाभ और वित्त वर्ष 2025 में कंपनी ने 102.27 करोड़ रुपए का कुल राजस्व और 10.64 करोड़ रुपए का कर पश्चात शुद्ध लाभ अर्जित किया है। वित्तीय परिणामों से स्पष्ट है कि वर्ष दर वर्ष कंपनी का राजस्व एवं लाभ बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2025 में कंपनी ने 10.40 फीसदी का कर पश्चात शुद्ध लाभ मार्जिन अर्जित किया है। वित्त वर्ष 2025 में कंपनी का कर्ज इक्विटी अनुपात 0.21 का था। इस आधार पर कहा जा सकता है कि कंपनी पर कर्ज भार अधिक नहीं है।
प्रवर्तकों का अनुभव
75 वर्षीय डॉ. सत्य नारायण चांडक कंपनी के प्रवर्तक और अध्यक्ष हैं। उन्होंने डॉक्टरेट (2013, द ओपन इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, श्रीलंका), एम.कॉम (2007), एलएलबी (1978) और बी.कॉम (1969) की उपाधि प्राप्त की है। उन्हें कृषि, जैव प्रौद्योगिकी, ऊतक संवर्धन, बागवानी, पुष्प उत्पादन, जैविक खेती और संरक्षित खेती में 34 वर्षों से अधिक का विविध अनुभव है। वे वित्त, बजट और लागत अनुकूलन में विशेषज्ञता वाले पूर्व बैंकिंग पेशेवर हैं। वे राजीव गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार (1994) के प्राप्तकर्ता हैं और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (1995) के दिल्ली सलाहकार पैनल में कार्यरत हैं। वे कंपनी को वित्त प्रबंधन, अनुसंधान एवं विकास विस्तार, सरकारी नीति क्रियान्वयन और किसान-केंद्रित पहलों में रणनीतिक नेतृत्व प्रदान करते हैं।
54 वर्षीय डॉ. संजय चांडक कंपनी के प्रमोटर एवं कार्यकारी निदेशक हैं। उन्होंने कैलिफ़ोर्निया पब्लिक यूनिवर्सिटी, अमेरिका से व्यवसाय प्रशासन में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है। उन्हें जैव प्रौद्योगिकी, ऊतक संवर्धन, पुष्प उत्पादन, बीज, जैविक खेती और संरक्षित खेती में 27 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने 1994 मानेसर में ऊतक संवर्धन सुविधा की स्थापना का नेतृत्व किया और 2016 में पिलखुवा में उत्पादन सुविधा के शुभारंभ का नेतृत्व किया। उन्होंने अत्याधुनिक डच तकनीक का उपयोग करके 2020 में नई संयंत्र श्रृंखलाएं स्थापित कीं। उन्होंने वैश्विक स्तर पर उन्नत तकनीकों की आपूर्ति और व्यावसायिक विस्तार को बढ़ावा देने के लिए रणनीतिक साझेदारियां बनाने पर ध्यान केंद्रित किया।
28 वर्षीय दिव्य चांडक कंपनी के प्रवर्तक एवं प्रबंध निदेशक हैं। उन्होंने यूके के मैनचेस्टर विश्वविद्यालय से केमिकल इंजीनियरिंग में बी.इंजी. और आईएमटी गाजियाबाद से प्रबंधन में स्नातकोत्तर कार्यक्रम किया है। उन्हें रणनीतिक योजना, संसाधन आवंटन और वित्तीय प्रबंधन में विशेषज्ञता के साथ मार्केटिंग और व्यवसाय विकास में 7 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने कंपनी के लिए भारतीय बाजार में ब्लूबेरी और स्ट्रॉबेरी की शुरूआत और विस्तार में अग्रणी भूमिका निभाई है और इससे उच्च मूल्य वाले फलों की खेती में कंपनी की स्थिति मजबूत हुई है।
आईपीओ के संबंध में जानकारी: ‘शील बायोटेक लिमिटेड’ का आईपीओ एनएसई इमर्ज प्लेटफार्म पर आज खुलकर 3 अक्टूबर 2025 को बंद होगा। कंपनी द्वारा बुक बिल्ट इश्यू प्रणाली से 10 रुपए फेसवैल्यू के 54,00,000 शेयर 59 रुपए से 63 रुपए प्रति शेयर के भाव पर जारी कर 34.02 करोड़ रुपए जुटाए जा रहे हैं। आईपीओ का मार्केट लॉट साइज 2000 शेयरों का है और रिटेल निवेशकों 2 लॉट के लिए आवेदन करना होगा। आईपीओ का प्रबंधन प्रमुख लीड मैनेजर कंपनी नारनोलिया फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। आईपीओ के सलाहकार की भूमिका फाइनेंशियल कंपनी नेक्स्जेन द्वारा निभाई गई है।
नोट: यह लेख निवेश सलाह नहीं है।
