भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बुधवार को कई नए फैसले किए, जिनसे कंपनियों और निवेशकों के लिए क्रेडिट उपलब्ध कराना आसान हो गया है।
RBI ने बैंकों को भारतीय कंपनियों द्वारा अधिग्रहण (Acquisition) के लिए फंडिंग की अनुमति दी है और शेयर और ऋण प्रतिभूतियों के बदले ऋण देने पर प्रतिबंधों में ढील दी है।
MPC बैठक के बाद, RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि केंद्रीय बैंक एक नया फ्रेमवर्क तैयार करेगा जिससे बैंक कंपनियों के अधिग्रहण को ऋण उपलब्ध करा सकेंगे।
📌 प्रमुख बदलाव
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शेयर पर ऋण सीमा: प्रति व्यक्ति 20 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए
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IPO Funding सीमा: 10 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपए प्रति निवेशक
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यह कदम High Net Worth Individuals (HNIs) को बड़े IPOs में भाग लेने में मदद करेगा
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Infrastructure Projects के लिए ऋण सस्ता और अधिक सुलभ होगा
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2016 का नियम रद्द किया गया, जो 10,000 करोड़ से अधिक बैंक ऋण वाले बड़े उधारकर्ताओं को ऋण देने से रोकता था
विशेषज्ञों का कहना है कि ये निर्णय बैंकों द्वारा अधिक ऋण देने, कॉर्पोरेट अधिग्रहणों का समर्थन, IPO भागीदारी बढ़ाने और व्यावसायिक विकास के लिए धन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लिए गए हैं।
