Friday, October 24, 2025 |
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विभिन्न प्रकार के मसालों का निर्माण व बिक्री करने वाली प्रमुख कंपनी है ‘Madhusudan Masala Limited’

विटाग्रीन प्रोडक्ट्स प्रा. लि. के अधिग्रहण से चंडीगढ़, यूपी और जेएंडके के क्षेत्रों में कंपनी ने किया कारोबारी विस्तार

by Business Remedies
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Madhusudan Masala Limited

बिजनेस रेमेडीज/जयपुर। गुजरात के जामनगर आधारित ‘Madhusudan Masala Limited’ विभिन्न प्रकार के मसालों का निर्माण व बिक्री करने वाली प्रमुख कंपनी है। कंपनी द्वारा हाल ही में होल्डिंग कंपनी आरएनजी फिनलीज प्राइवेट लिमिटेड से विटाग्रीन प्रोडक्ट्स प्रा. लि. का शत-प्रतिशत अधिग्रहण किया है। इस अधिग्रहण से कंपनी की पहुंच चंडीगढ़, यूपी और जेएंडके के क्षेत्रों में भी बढ़ गई है। कंपनी के डीलर डिस्ट्रीब्यूटर नेटवर्क में और प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में भी बड़ा विस्तार हुआ है। इससे वित्त वर्ष 2025 में कंपनी के राजस्व में बड़ा इजाफा देखने को मिलेगा। इस डवलपमेंट के चलते कंपनी का शेयर फोकस में है। इस लेख में हम कंपनी की कारोबारी गतिविधियां, वित्तीय प्रदर्शन, विटाग्रीन प्रोडक्ट्स प्रा. लि. की जानकारी, इंडस्ट्री डायनॉमिक्स जैसे विषयों पर प्रकाश डाल रहे हैं।

कारोबारी गतिविधियां
मधुसूदन मसाला लिमिटेड ‘डबल हाथी’ और २६२ एसकेयू व ‘महाराजा’ ब्रांड नेम के तहत 32 से अधिक प्रकार के मसालों के निर्माण और प्रसंस्करण में लगी हुई है। डबल हाथी ब्रांड नेम से मसाले की बिक्री कंपनी वर्ष 1977 से और महाराजा ब्रांड नेम नाम से मसाले की बिक्री वर्ष 2003 से कर रही है। कंपनी डबल हाथी के ब्रांड नेम के तहत कतलू पाउडर (खाद्य पूरक), कसूरी मेथी (सूखी मेथी), साबुत मसाले, चाय और अन्य किराना उत्पाद जैसे राजगिरा आटा, पापड़, सोया उत्पाद, हींग, अचार मसाला (अचार पाउडर बनाने के लिए तैयार), संचार (काला नमक पाउडर), सिंधालु (सेंधा नमक पाउडर) इत्यादि भी बिक्री करती है। कंपनी खुदरा और थोक मात्रा में साबुत मसालों के साथ-साथ पापड़, सोया उत्पाद, हींग, काला नमक, सेंधा नमक आदि का भी कारोबार करती है, जो तीसरे पक्ष के निर्माताओं के माध्यम से खरीदे जाते हैं और डबल हाथी के ब्रांड नेम के तहत पैक किए जाते हैं। कंपनी के प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में दो ब्रांड मंतव्य और ‘77 ग्रीन’ शामिल हो गए हैं।

मधुसूदन मसाला की मार्केटिंग रणनीति
मधुसूदन मसाला ने अपने व्यापार को स्थानीय स्तर से बढ़ाकर अन्य राज्यों और क्षेत्रों मे बढ़ाने के लिए कई प्रदर्शनियों में भाग लेने, होर्डिंग से प्रचार-प्रसार,उत्तरी राज्यों मे सेल्स टीम नियुक्त करने, शॉप बोर्ड ब्रांडिंग, न्यूज पेपर विज्ञापन, लंदन और इटली फूड प्रदर्शनी में भाग लेने इत्यादि रणनीतियां अपनाई है और अपनी बिक्री को कई गुना किया है। इसके अलावा कंपनी बेसिक स्पाइसेस मे काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही है। कंपनी ने मिश्रित मसाले और इन्स्टेन्ट मिक्स सेगमेंट मे आगे बढऩे और अन्य राज्यों मे बिक्री को विस्तारित करने के लिए विटाग्रीन प्रॉडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया और बहुत ही कम समय मे अपने पोर्टफोलिओ में 232 से अधिक एसकेयू शामिल किए हैं एवं उत्तरी राज्यों मे अपनी बिक्री को विस्तारित किया है।

पिसे हुए मसाले : इसमें मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर और धनिया जीरा पाउडर की किस्में शामिल हैं।

मिश्रित मसाले : इसमें गरम मसाला, चाय मसाला, छोले मसाला, सांभर मसाला, पाव भाजी मसाला, पानी पुरी मसाला, सब्जी मसाला, किचन किंग मसाला, चिकन मसाला, मीट मसाला, चटपटा चाट मसाला, बटर मिल्क मसाला, चेवड़ा मसाला, सूखा अदरक पाउडर (सनथ), काली मिर्च पाउडर (मारी), अमचूर पाउडर (आमचूर) आदि शामिल हैं। कंपनी की विनिर्माण इकाई औद्योगिक क्षेत्र हापा, जामनगर के पास, गुजरात में स्थित है।

भारतीय मसाला उद्योग और विकास क्षमता
1,40,000 करोड़ रुपए का भारतीय मसाला बाजार, ब्रांडेड मसाला बिक्री कंपनियों के लिए 90,000 करोड़ रुपए के विशाल असंगठित बाजार हिस्सेदारी पर कब्जा करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करता है। भारतीय मसालों की अधिकांश खपत पाउडर मसालों, विशेष रूप से मिर्च-हल्दी-धनिया (सी-टी-सी) सेगमेंट के कारण होती है, जो विभिन्न राज्यों में स्वाद और विनिर्माण प्रक्रिया में काफी भिन्न होती है। यह जटिलता ब्रांडेड मसालों के लिए इस क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए एक चुनौती और अवसर पैदा करती है, जिसके लिए बुनियादी मसालों और क्षेत्रीय बाजार ज्ञान में विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। स्थानीय स्वाद प्राथमिकताओं और फॉर्मूलेशन की गहरी समझ के साथ, अखिल भारतीय सी-टी-सी मसाला ब्रांड के रूप में विकास की संभावना है। इस विशेषज्ञता का लाभ उठाकर और क्षेत्र-विशिष्ट उत्पादों को विकसित करके, ब्रांडेड मसाले असंगठित बाजार में अंतर को पाट सकते हैं। अंतत: अपनी राष्ट्रीय उपस्थिति और बाजार हिस्सेदारी का विस्तार कर सकते हैं। मधुसूदन मसाला का लक्ष्य गुणवत्ता वाले मसालों और क्षेत्रीय बाजार समझ में विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए एक अग्रणी अखिल भारतीय सी-टी-सी मसाला ब्रांड बनना है। कंपनी का लक्ष्य पूरे मसाला उद्योग में 1 फीसदी बाजार हिस्सेदारी हासिल करना, अपनी राष्ट्रीय उपस्थिति का विस्तार करना और संगठित मसाला बाजार में मजबूत पकड़ स्थापित करना है। गुणवत्ता, नवाचार और ग्राहक संतुष्टि पर ध्यान देने के साथ, कंपनी प्रबंधन इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने और भारतीय मसाला उद्योग में एक घरेलू नाम बनने के लिए प्रतिबद्ध है।

विटाग्रीन प्रोडक्ट्स प्रा. लि.की जानकारी
कंपनी द्वारा हाल ही में होल्डिंग कंपनी आरएनजी फिनलीज प्राइवेट लिमिटेड से विटाग्रीन प्रोडक्ट्स प्रा. लि. का शत-प्रतिशत अधिग्रहण किया गया है। इस अधिग्रहण से कंपनी की पहुंच चंडीगढ़, यूपी, झारखंड, बिहार, तेलंगाना, हरियाणा और जेएंडके के क्षेत्रों में भी बढ़ गई है। कंपनी के पोर्टफोलियो में ‘77 ग्रीन’ ब्रांड शामिल हो गया है। इस अधिग्रहण से कंपनी की बाजार पहुंच बढ़ी है और नए कस्टमर सेगमेंट में कंपनी का प्रवेश हुआ है। विटाग्रीन सालाना 2 करोड़ पैक बिक्री करती है। कंपनी की देश के सात राज्यों में उपस्थिति, १2000 से अधिक रिटेलर्स पर उपस्थिति, 200 से अधिक डिस्ट्रीब्यूटर्स, 228 से अधिक एसकेयू और 600 मीट्रिक टन से अधिक सेमी फिनिश्ड गुड्स की निर्माण क्षमता इसकी ताकत को दर्शा रहे हैं। इस अधिग्रहण से कंपनी की इंस्टेंट मिक्स, ग्राउंडेड और ब्लैडेट मसालों में पहुंच बढ़ गई है।

कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन
वित्त वर्ष 2022 में कंपनी ने 66.51 करोड़ रुपए का राजस्व व 81.29 लाख रुपए का कर पश्चात शुद्ध लाभ। वित्त वर्ष 2023 में कंपनी ने 127.50 करोड़ रुपए का राजस्व व 5.75 करोड़ रुपए का कर पश्चात शुद्ध लाभ और वित्त वर्ष 2024 में कंपनी ने 162.22 करोड़ रुपए का राजस्व वं 9.19 करोड़ रुपए का कर पश्चात शुद्ध लाभ अर्जित किया है। वित्त वर्ष 2024 में कंपनी का कर पश्चात शुद्ध लाभ मार्जिन 5.67 फीसदी दर्ज किया गया है। वित्तीय परिणामों से स्पष्ट है कि वर्ष दर वर्ष कंपनी की बिक्री और लाभ बढ़ रहा है। 3 वर्षों में कंपनी का आरओई 39.8 फीसदी दर्ज किया गया है जो कि काफी अच्छा कहा जा सकता है। कंपनी प्रबंधन को उम्मीद है कि विटाग्रीन के शामिल होने से वित्त वर्ष 2025 में कंपनी का राजस्व बढक़र 230 से 240 करोड़ रुपए तक हो सकता है।

कंपनी प्रवर्तकों का अनुभव
42 वर्षीय ऋषित दयालाजी कोटेचा कंपनी के प्रमोटर और अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं। मसाला उद्योग में उनके पास लगभग 20 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने वर्ष 2003 में डी.के.वी. आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज, जामनगर से भौतिकी और इंस्ट्रूमेंटेशन में बी.एस.सी. की डिग्री हासिल की है। उन्हें मार्केटिंग और वित्त गतिविधियों का व्यापक ज्ञान है और वे कंपनी की वित्तीय, अनुपालन और गतिविधियों को संभालते हैं। वे दूसरी पीढ़ी के उद्यमी हैं और कंपनी के समग्र प्रबंधन के साथ-साथ व्यवसाय योजना और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे उद्योग के रुझानों और व्यावसायिक रणनीतियों पर गहरी नजर रखते हुए संगठन के लक्ष्यों और दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हैं।

39 वर्षीय हिरेन विजय कोटेचा कंपनी के पूर्णकालिक निदेशक हैं। मसाला उद्योग में उनके पास लगभग 20 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने वाणिज्य में स्नातक की डिग्री पूरी की है। वे कंपनी की योजना, संचालन और पैकेजिंग गतिविधियों की देखभाल करते हैं। वें दूसरी पीढ़ी के उद्यमी हैं और कंपनी के व्यवसाय के विस्तार और समग्र प्रबंधन के लिए जिम्मेदार हैं।

आईपीओ के मायने
Madhusudan Masala Limited’ का IPO NSE EMERGE PLATFORM पर 21 सितंबर 2023 को बंद हुआ था। तब कंपनी द्वारा 10 रुपए फेसवैल्यू के 3400,000 शेयर बुक बिल्ट इश्यू प्रणाली से 66 से 70 रुपए प्रति शेयर के भाव पर जारी कर 23.80 करोड़ रुपए जुटाए गए थे। कंपनी के शेयर ने 210 रुपए का उच्चतम स्तर छुआ है यानि कि कंपनी का शेयर निवेशकों की पूंजी को तीन गुना कर चुका है। आईपीओ से कंपनी को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है और कंपनी में रिटेल निवेशकों का दायरा भी बढ़ा है। विशाल बाजार संभावनाओं को देखते हुए और कंपनी के एग्रेसिव अधिग्रहण से कारोबारी विस्तार कर आगे बढऩे की रणनीति को देखते हुए आगे भी कंपनी द्वारा अच्छे प्रदर्शन की संभावना है।



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