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Bharat Mandapam में दो दिवसीय “International Janmangal Sammelan”

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  • Yog Rishi Swami Ramdev Ji Maharaj और Jain Sant Antarmana Acharya Prasann Sagar Ji Maharaj के मार्गदर्शन में “Har Maas – Ek Upvaas” का संकल्प
  • यह आयोजन अध्यात्म और कर्मयोग का दिव्य संगम है जो निश्चित ही देश व दुनिया को नया संदेश देगा : Om Birla
  • उपवास का उद्देश्य तन, मन व आत्मा को शुद्ध करना है : Jain Muni Prasann Sagar Ji
  • हर मत, पंथ, परम्परा, धर्म, अनुष्ठान और शुभ प्रसंग में उपवास का समान रूप से प्रावधान और महत्व : Swami Ramdev Ji
  • उपवास करने से प्रतिरोधक क्षमता अवश्य बढ़ जाती है, यह इम्यूनिटी बूस्टर है : Jain Muni Piyush Sagar Ji
  • उपवास करने वाला ही बड़ा साधक हो सकता है : Acharya Balkrishna Ji
  • Lok Sabha Speaker Shri Om Birla, Acharya Balkrishna, Swami Ramdev के साथ विशिष्टजनों ने लिया उपवास का संकल्प

National / New Delhi, 12 DecemberBharat Mandapam में दो दिवसीय “International Janmangal Sammelan” आयोजित किया गया जिसमें योग और उपवास के दो प्रसिद्ध संतों – Yog Rishi Swami Ramdev Ji Maharaj और Jain Sant Antarmana Acharya Prasann Sagar Ji Maharaj के दिव्य मार्गदर्शन में एक जन आंदोलन “Har Maas – Ek Upvaas” (हर महीने 7 तारीख को एक बार उपवास) शुरू किया गया। यह द्वि-दिवसीय सम्मेलन 4 सत्रों में “Janmangal ki Samyagdrishti – Upvaas, Dhyaan, Yog aur Swadeshi Chintan” पर केन्द्रित है। दोनों युग-पुरुषों ने जनमंगल के लिए “Har Maas Ek Upvaas” महाभियान से मानवता को समस्त सिद्धिदायक महामंत्र देने का संकल्प किया है। इस आंदोलन से देश के प्रमुख संतगण, राजनेता तथा विख्यात हस्तियों के साथ-साथ दुनिया भर में लाखों लोग जुड़ चुके हैं।

patanjaliसम्मेलन का अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए माननीय Lok Sabha Speaker Shri Om Birla ने कहा कि Bharat Mandapam की यह भूमि आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विज्ञान का अद्भुत साक्षी बन रही है। पूज्य Antarmana Acharya Prasann Sagar Ji Maharaj ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में धर्म, अध्यात्म, संस्कृति, विज्ञान, वैयक्तिक विकास व आत्म विकास के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है। यह आयोजन अध्यात्म और कर्मयोग का दिव्य संगम है जो निश्चित ही देश व दुनिया को नया संदेश देगा। उन्होंने स्वयं Har Maas – Ek Upvaas का संकल्प लिया।

कार्यक्रम में Antarmana Prasann Sagar Ji Maharaj ने कहा कि Upvaas आत्मिक ऊर्जा को जागृत करने वाला दिव्य साधन है। उपवास का उद्देश्य तन, मन व आत्मा को शुद्ध करना है। उपवास से भावनाएं नियंत्रित होती हैं, क्रोध घटता है, मन शांत होता है और ध्यान गहरा होता है। उपवास शरीर को ऐसी प्राकृतिक अवस्था में ले जाता है जहां शरीर स्वयं का उपचार करता है।

Swami Ramdev Ji Maharaj ने कहा कि हर मत, पंथ, परम्परा, धर्म, अनुष्ठान और शुभ प्रसंग में उपवास का समान महत्व है। उपवास से शरीर, मन और अंत:करण की शुद्धि होती है। उन्होंने बताया कि Acharya Prasann Sagar Ji Maharaj ने 557 दिवस तक निरंतर उपवास कर तथा अब तक 3500+ उपवास सिद्ध कर “Upvaas Shiromani” की प्रतिष्ठा प्राप्त की है।

Jain Muni Piyush Sagar Ji Maharaj ने कहा कि उपवास करने से प्रतिरोधक क्षमता अवश्य बढ़ जाती है, यह एक Immunity Booster है। उपवास जीवन में पात्रता, पवित्रता और पावनता लाता है।

Acharya Balkrishna Ji Maharaj ने कहा कि अत्यधिक भोजन रोगों का कारण है। उपवास करने वाला ही बड़ा साधक हो सकता है। उन्होंने घोषणा की कि वे स्वयं 15 दिन में एक बार उपवास करेंगे।

कार्यक्रम में Union Environment Minister Shri Bhupender Yadav, Dr. S. K. Sarin, Rajat Sharma, Pravesh Sahib Singh Verma, Yogendra Chandolia, N. P. Singh, Acharya Lokesh Muni, Mahant Balaknath Yogi Ji Maharaj, Baba Satyanarayan Maurya, Dr. Anurag Varshney, Dr. Yashdev Shastri, Sadhvi Devpriya और Ritambhara सहित अनेक विशिष्टजन उपस्थित रहे।



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