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इंडसइंड बैंक ने की आरबीआई के प्रोग्रैमेबल सीबीडीसी पायलट के सफल निष्पादन की घोषणा, ऐसा करने वह पहला बैंक बना

by Business Remedies
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बिजनेस रेमेडीज/मुंबई। इंडसइंड बैंक ने आरबीआई के प्रोग्रैमेबल सीबीडीसी पायलट के सफल निष्पादन की घोषणा की और वह ऐसा करने वाला पहला बैंक बन गया। इस पायलट प्रोजेक्ट को सीबीडीसी के वैकल्पिक रूप के रूप में सर्कुलैरिटी इनोवेशन हब इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (सीआईएच) की भागीदारी से क्रियान्वित किया गया, जिसमें बैंक कार्बन क्रेडिट के बदले किसानों को वितरित किए जाने वाले धन के अंतिम उपयोग को तय या नियंत्रित (प्रोग्राम) कर सकता है। इस पायलट प्रोजेक्ट के अंग के रूप में, इंडसइंड बैंक ने महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में 50 किसानों को प्रोग्रामैबल सीबीडीसी वितरण शुरू किया और आगे चलकर लगभग 1000 किसानों को कवर किया जाएगा, जो कृषि क्षेत्र के लिए नवीन वित्तीय समाधानों को अपनाने में बड़ी उपलब्धि है।
इस परियोजना में इंडसइंड बैंक द्वारा डिजिटल वॉलेट तैयार करना और सीबीडीसी हस्तांतरण का प्रबंधन करना शामिल है। इसमें अन्य भागीदारों के साथ सीआईएच भी शामिल है, जो इस परियोजना के लिए प्रायोजक एजेंसी है। यह एक जलवायु-प्रौद्योगिकी कंपनी है, जो हर तरह के अपशिष्ट के संबंध सर्कुलर इकोनॉमी बिजनेस मॉडल का निर्माण कर रही है। कंपनी ऐसा न केवल इसे रीसायकल करने के लिए, बल्कि इसे ऊर्जा या उप-उत्पाद के रूप में भी पुन: उपयोग करने के लिए भी कर रही और इस तरह यह अलग किस्म का सर्कुलैरिटी क्रेडिट पैदा कर रही है। इसके अलावा, हिंदुस्तान एग्रो और जैकफू्रट किंग कंपनी ने वहनीय प्रथाओं को आय के अतिरिक्त स्रोतों से जोडक़र किसानों की सहभागिता का नेतृत्व किया, जबकि एमरटेक इनोवेशंस ने सर्कुलैरिटी क्रेडिट और इसके ट्रेस करने योग्य वितरण के सृजन में एंड-टू-एंड ट्रैसेबिलिटी और पारदर्शिता प्रदान करने के लिए एक ब्लॉकचेन-समर्थित प्लेटफॉर्म विकसित किया। इस सहयोगात्मक प्रयास का उद्देश्य है, कृषि अपशिष्टों के पुनर्चक्रण से सर्कुलैरिटी क्रेडिट को बढ़ावा देना। सीआईएच, इंडसइंड बैंक और भागीदारों का लक्ष्य है, इस पायलट प्रोजेक्ट को किसानों को लाभ पहुंचाने वाली राष्ट्रव्यापी पहल बनाना। इसके अलावा, परियोजना का दूसरा चरण, सफाई कर्मचारियों पर केंद्रित होगा, जिसका लक्ष्य है प्लास्टिक कचरे के संग्रह, पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग से पैदा आय के जरिये उनकी आमदनी बढ़ाना। इसके अतिरिक्त, सीआईएच का ‘प्लैनेट एंड पीपल प्लेटफॉर्म’ लाभार्थी संवितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करते हुए, सर्कुलैरिटी क्रेडिट से पैदा आय पर एंड-टू-एंड ट्रैसेबिलिटी प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इंडसइंड बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी, सुमंत कठपालिया ने कहा, “हमें भारतीय रिजर्व बैंक की प्रोग्रामैबल सीबीडीसी को चलाने में इस महत्वपूर्ण भूमिका पर बहुत गर्व है। सीआईएच और अन्य हितधारकों के साथ गठजोड़ कर, हम कृषि क्षेत्र और उससे परे भी सकारात्मक बदलाव लाने के प्रति उत्साहित हैं। यह गठजोड़ आर्थिक विकास और पर्यावरणीय वहनीयता दोनों को आगे बढ़ाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, हम समुदायों को सशक्त बनाने और सभी के लिए एक उज्जवल भविष्य तैयार करने के लिए अभिनव समाधानों का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सर्कुलैरिटी इनोवेशन हब (सीआईएच) के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी, जोएल माइकल ने कहा, “जलवायु परिवर्तन में सकारात्मक योगदान देने के हमारे प्रयास के मद्देनजर हमारा लक्ष्य है किसान की आय बढ़ाना; हमारा लक्ष्य है ‘उस हाथ को कुछ वापस देना है जो हमें बहुत कुछ देता है’। भविष्य में, हम सर्कुलर इकोनॉमी समाधानों के माध्यम से अपने ग्रह को स्वच्छ बनाने का प्रयास करते रहेंगे और हमें उम्मीद है कि हमारे शहरों को साफ रखने के लिए अथक प्रयास करने वालों को भी लाभ होगा।
एमरटेक इनोवेशंस के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी, गौरव सोमवंशी ने कहा, “आरबीआई के साथ यह पहल वहनीयता के प्रौद्योगिकी के साथ संयोजन की परिवर्तनकारी क्षमता को प्रदर्शित करती है। हम भविष्य और विशेष रूप से अपशिष्ट पुनर्ग्रहणकर्ताओं (रिक्लेमर) और अधिक किसानों तक इन लाभों को पहुंचाने की हमारी योजना के प्रति उत्साहित हैं, ।”

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