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भारत में बर्ड फ्लू की दस्तक, रहे सावचेत

by Business Remedies
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कभी वायुमण्डल से तो कभी पशु-पक्षियों से होने वाले संक्रामक रोगों से इंसानों का बैचेन होना स्वाभाविक है। पिछले तीन वर्ष पहले ही इंसान कोरोना महामारी का प्रकोप झेल चुका है।जहां भारत में बर्ड फ्लू ने एक बार फिर दस्तक दे दी है तथा केरल में इसके मामले सामने आए हैं। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जार्ज ने पिछले दिनों ही जानकारी दी है कि बर्ड फ्लू फैलने के दृष्टिगत स्वास्थ्य विभाग को बचावात्मक कार्रवाई करने तथा बर्ड फ्लू से प्रभावित क्षेत्रों में बत्तखों एवं प्रभावित क्षेत्रों के एक किलोमीटर के दायरे में सभी पालतू पक्षियों को मारने का आदेश दिए गए हैं। पशु-पक्षियों से इंसानों को होने वाले संक्रामक रोगों में बर्ड फ्लू, स्वाइन फ्लू, इबोला, सार्स आदि मुख्य हैं। विशेषज्ञों के अनुसार बर्ड फ्लू इंसानों में गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। इसमें रोगी को गंभीर शरीर दर्द, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, सर्दी लगने जैसी शिकायतें होती हैं। यह रोग मुर्गी, बत्तख, बटेर, हंस, टर्की (मुरगाबी) जैसे पक्षियों से फैलता है। ‘एच. 5 एन. 1’ वायरस पोल्ट्री व्यवसाय के लिए घातक है। वहीं इससे पहले पिछले महीने अमरीका के 7 राज्यों में जंगली पक्षियों में बर्ड फ्लू वायरस पाया गया, जिनमें से अधिकांश टैक्सास में मिले हैं। इसके दृष्टिगत स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को वन्यजीवों से दूर रहने की सलाह दी है। मैनहट्टन में जंगली पक्षियों व लाल पूंछ वाले बाज के अलावा यह बीमारी घरेलू मुर्गे-मुर्गियों में भी पाई गर्ई है। जैसे कि इतना ही काफी नहीं था, अमरीका के कई राज्यों में बर्ड फ्लू के बढ़ते खतरे के साथ-साथ गायों के भी बर्ड फ्लू की शिकार होने का पता चला है। टैक्सास में गायों के रहस्यमय बीमारी से पीडि़त होने की रिपोर्ट के बाद वैज्ञानिकों ने गायों में ‘एच. 5 एन. 1’ वायरस की पुष्टि भी की है। इन रोगों से बचाव के लिए निवारक उपाय करने, सावधानियां बरतने तथा स्वयं को वन्यजीवों के साथ अपने संपर्क को सीमित करने की जरूरत है। लोगों को पक्षियों की बीठ के संपर्क में आने के बाद हाथ अच्छी तरह धोने चाहिए। डाक्टरों का यह भी कहना है कि जानवरों तथा पक्षियों का मांस खाने से इंसानों में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। महावीर स्वामी ने जीव हत्या और मांसाहार दोनों के त्याग का संदेश देते हुए सबसे बड़ा धर्म अहिंसा परमोधर्म कहा है। इंसान की भांति पशु-पक्षियों को भी जीने का अधिकार है। अत: इस जगत के सभी जीवों के प्रति मैत्री भाव रखें।

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