नई दिल्ली, 7 अक्टूबर । भारत का वस्तुओं और सेवाओं का कुल निर्यात चालू वित्त वर्ष 2025-26 के पहले पांच महीनों (अप्रैल–अगस्त) में 5.19% बढ़कर 346.10 अरब डॉलर हो गया है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 329.03 अरब डॉलर था।
यह वृद्धि उस समय आई है जब वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और अमेरिकी टैरिफ दबाव के कारण विश्व व्यापारिक माहौल चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार —
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Goods exports: कुल निर्यात का 53.09%
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Services exports: कुल निर्यात का 46.91%
भारत ने अप्रैल-अगस्त 2025 तक वार्षिक 1 ट्रिलियन डॉलर निर्यात लक्ष्य का 34.61% पहले ही हासिल कर लिया है।
भारत का मर्चेंडाइज (वस्तु) निर्यात 2.31% बढ़कर 183.74 अरब डॉलर हुआ, जबकि
Non-oil, Non-gems & Jewellery exports 7.76% बढ़कर 146.70 अरब डॉलर रहे — जो इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, और केमिकल्स जैसे सेक्टरों की मजबूत मांग के चलते संभव हुआ।
विश्व बैंक के अनुसार, जब वैश्विक निर्यात वृद्धि दर 2.5% है, वहीं भारत का निर्यात 7.1% की दर से बढ़ रहा है — यह भारत की आर्थिक मजबूती और प्रतिस्पर्धी स्थिति को दर्शाता है।
सरकार ने कहा, “भारत का निर्यात प्रदर्शन न केवल स्थिर रहा है बल्कि लगातार बढ़ रहा है, जो वैश्विक मंदी के बीच भी देश की लचीलापन और नीति प्रभावशीलता को दिखाता है।”
