Friday, October 3, 2025 |
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India and Uzbekistan के बीच आतंकवाद के खिलाफ द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर बातचीत

by Business Remedies
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बिजऩेस रेमेडीज/ ताशकंद/आईएएनएस India and Uzbekistan ने ताशकंद में आतंकवाद विरोधी संयुक्त कार्य समूह की 9वीं बैठक आयोजित की। बैठक में दोनों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए जानकारी साझा करने, क्षमता निर्माण और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान पर चर्चा की।
बैठक का सह-अध्यक्ष भारत की विदेश मंत्रालय के आतंकवाद विरोधी संयुक्त सचिव विनोद जे. बहाडे और उज़्बेकिस्तान के विदेश मंत्रालय में दक्षिण एशिया, मिडिल ईस्ट और अफ्रीका के सहयोग विभाग के प्रमुख गुलोमजोन पीरिमकुलोव ने किया। बैठक में दोनों देशों के अधिकारियों ने जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, ‘दोनों पक्षों ने वैश्विक और अपने-अपने क्षेत्रों में आतंकवादी समूहों द्वारा उत्पन्न खतरों पर चर्चा की। दोनों पक्षों ने आतंकवाद विरोधी मौजूदा और उभरती चुनौतियों जैसे कट्टरता और चरमपंथ का मुकाबला, आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला, आतंकवादी उद्देश्यों के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग को रोकना, अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच संबंध और आतंकवादियों की वैश्विक गतिशीलता पर विचार साझा किए।’ दोनों देशों के अधिकारियों ने संयुक्त राष्ट्र, शंघाई सहयोग संगठन की क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना और यूरेशियन समूह में सहयोग को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई। अगले संयुक्त कार्य समूह की बैठक भारत में एक आपसी सुविधाजनक तिथि पर आयोजित की जाएगी। अगस्त में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के दौरान उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जय़िोयेव से मुलाकात की थी।
PM Modi ने इस साझेदारी को ‘गतिशील’ बताते हुए कहा कि दोनों देश संस्कृति, अर्थव्यवस्था और जन-संपर्क संबंधों सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा रहे हैं। भारत उज़्बेकिस्तान की स्वतंत्रता के तुरंत बाद ही इसे संप्रभु राज्य के रूप में मान्यता देने वाले पहले देशों में शामिल था। India and Uzbekistan  के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना का प्रोटोकॉल 1992 में ताशकंद में हस्ताक्षरित किया गया था। 2011 में दोनों देशों ने अपनी रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की। इस साझेदारी के तहत राजनीतिक और आधिकारिक स्तर पर कई संस्थागत संवाद तंत्र चलाए जाते हैं ताकि सहयोग गतिविधियों पर नियमित बातचीत और अनुवर्ती कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।

 



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