Friday, December 12, 2025 |
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दो वर्षों में 20 फीसदी महंगी हुई प्रॉपर्टी, जयपुर में जमीन महंगी, मकानों के दाम बढ़े

by Business Remedies
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बिजनेस रेमेडीज/ जयपुर। देश के प्रॉपर्टी मार्केट में इस समय बूम है। हर शहर में मकान की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। दाम बढऩे से जयपुर सहित पूरे देश का प्रॉपर्टी मार्केट लगातार महंगा होता जा रहा है। हालांकि जयपुर में मकानों की कीमतों में 0.72 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। बावजूद इसके बड़ी संख्या में ग्राहक मकान खरीदने के लिए प्रॉपर्टी मार्केट में पहुंच रहे हैं। देश के टॉप प्रॉपर्टी मार्केट्स में पिछले दो वर्षों में मकान की कीमतें करीब 20 प्रतिशत बढ़ी है। वहीं, वर्ष,2022 की तुलना में वर्ष,2023 में कीमतें 9 प्रतिशत बढ़ी हैं। इसके बावजूद घरों की मांग तेज बनी हुई है। क्रेडाई-कोलियर्स-लियासेस फोरास हाउसिंग प्राइस ट्रैकर की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो साल में घर की कीमतों में सबसे अधिक वृद्धि दिल्ली-एनसीआर, बेंगलूरु और कोलकाता में हुई है। इन तीनों शहरों में मकान की कीमतें 30 प्रतिशत से अधिक बढ़ी है।
जयपुर में प्रॉपर्टी सेल ग्रोथ रेट कम: वहीं आरबीआई के ऑल इंडिया होम प्राइस इंडेक्स के मुताबिक, दिसंबर तिमाही 2023-24 में मकान कीमतें सबसे अधिक चेन्नई और कोलकाता में, तो सबसे कम जयपुर और कोच्चि में बढ़ी है। दिसंबर तिमाही में सालाना आधार पर जयपुर में मकान की कीमतें केवल 0.72 प्रतिशत, तो कोच्चि में 0.64 प्रतिशत बढ़ी है। वहीं इस दौरान चेन्नई में कीमतें 8.41 प्रतिशत, तो कोलकाता में 7.65 प्रतिशत बढ़ी है। रिपोर्ट के मुताबिक, मकान की कीमतों में यह बढ़ोतरी कम ब्याज दरों और सकारात्मक आर्थिक दृष्टिकोण के चलते मजबूत मांग के कारण हुई है। पिछले दो साल में बिना बिके आवास यानी अनसोल्ड इन्वेंटरी में कमी देखी गई। दिल्ली-एनसीआर में बिना बिके मकानों की संख्या सबसे अधिक 19 प्रतिशत घटी है।
मकानों की मांग ज्यादा, आपूर्ति कम: देश में मकानों की मांग ज्यादा है और आपूर्ति कम बनी हुई है। क्रेडाई और लाइसिस फोरास की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। इसके चलते वर्ष,2036 तक भारत में अतिरिक्त 6.4 करोड़ मकानों की जरूरत पड़ेगी। रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष, 2018 तक भारत में लगभग 2.9 करोड़ मकानों की कमी थी। इसलिए भारत में 2036 तक कुल घरों की मांग लगभग 9.30 करोड़ हो जाएगी। टियर 2 और 3 श्रेणी के शहरों में घरों की मांग और निर्माण जोर पकडऩे की उम्मीद है।
ज्यादा डिमांड, कम सप्लाई ने बढ़ाए दाम:इन कीमतों को बढ़ाने में सबसे ज्यादा योगदान डिमांड में हुए इजाफे का है। कोरोना में खर्च घटने, ब्याज दरों में गिरावट आने और बड़े घर की चाहत ने प्रॉपर्टी को एंड यूजर्स के लिए ज्यादा आकर्षक और अफोर्डेबल बना दिया। डिमांड बढऩे से इंवेस्टर्स ने भी इस मार्केट में एंट्री की। इसके चलते कीमतों में भी इजाफा देखने को मिला है। हालांकि अब आगे जाकर कीमतों में बढ़ोतरी इस बात पर निर्भर करेगी कि महंगे दाम पर भी डिमांड बनी रहेगी या इसमें सुस्ती आएगी। इसके साथ ही अगर बिल्डिंगों की नई लॉचिंग नहीं हुई और सप्लाई पर दबाव बना रहा, तो भी कीमतों में तेजी जारी रह सकती है।
– कोरोना के बाद लोगों को अपने घर की चाहत बढ़ी है। लोग अपना घर खरीदने के लिए खर्च कर रहे हैं। इसलिए रियल एस्टेट में बड़े प्लेट्स व मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स में काफी डिमांड है। आगे आने वाले पांच साल तक ऐसी ही डिमांड बनी रहने की उम्मीद है। देश में प्रधानमंत्री मोदी के रूप में एक सशक्त सरकार काम कर रही है। जीडीपी बढ़ रही है। इसलिए लोगों के पास पैसा आ रहा है और वे अपना घर खरीदने में इनवेस्ट कर रहे हैं। जमीनों के दाम बढ़ रहे हैं, लेबर कॉस्ट बढ़ रही है और रॉ मैटेरियल भी महंगा हो रहा है। इस कारण बिल्डिंग्स के दाम बढ़ रहे हैं। बावजूद इसके लोग अपना घर खरीदने में रूचि ले रहे हैं।
– रामबाबू अग्रवाल, डायरेक्टर, मंगलम् बिल्डर्स, जयपुर
जयपुर में मल्टी स्टोरी बिल्डिंग्स व फ्लेट्स की काफी डिमांड है। कोरोना के बाद लोग अपने घर की ज्यादा चाहत रख रहे हैं। इसी कारण जयपुर शहर का विस्तार तेज गति से हो रहा है। शहर में हर कोने में बड़ी व ऊंची बिल्डिंग्स बन रही है और लोग अपने किराये के घर को छोडक़र अपना मकान खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इसी कारण बीते दो साल जयपुर के प्रॉपर्टी बाजार में काफी उत्साह देखा जा रहा है। यह उत्साह आगे भी बने रहने की संभावना है। वहीं सरकार की नीतियों से देश की जीडीपी भी बढ़ रही है। इससे लोगों के पास पैसा आ रहा है और वे अपने घर के सपने को पूरा करने के लिए उसमें इनवेस्ट कर रहे हैं।
– रवींद्र प्रताप सिंह, अध्यक्ष, राजस्थान अफोर्डेबल डवलपर एसोसिएशन, महासचिव, क्रेडाई राजस्थान, कार्यकारी अध्यक्ष, फोर्टी
– कोरोना काल के बाद पूरे भारत में अर्थव्यवस्था लगातार ऊंचाई की ओर बढ़ रही है। वर्तमान में हमारी जीडीपी 8.4 प्रतिशत वृद्धि की उच्चतम स्तर पर है। रियल एस्टेट मार्केट भी इससे अछूता नहीं है। लगभग सभी छोटे-बड़े भारतीय शहरों में प्रॉपर्टीज के भाव काफी बढ़ गए हैं। जयपुर शहर में भी दामों में काफी तेज आई है। जयपुर के रियल एस्टेट बाजार में तेजी भारत के अन्य शहरों के मुकाबले अभी थोड़ी कम है। जयपुर के विकास और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के नजदीक होने के कारण यहां और भी तेजी आना शेष है। जयपुर का मास्टर प्लान आगामी वर्ष में समाप्त हो रहा है। नए मास्टर प्लान में इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर देने की आवश्यकता है।
– सीए डॉ. के.सी. परवाल, कोषाध्यक्ष, क्रेडाई राजस्थान



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