Saturday, October 25, 2025 |
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देश भर में छठ पर्व को लेकर ज़ोरों-शोरों से तैयारी, 38,000 करोड़ रुपये का व्यापार होने की उम्मीद: CII

by Business Remedies
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बिजनेस Remedies/नई दिल्ली (IANS)। भारत भर में सूर्य देव को समर्पित चार दिनों का Chhath Puja का भव्य त्योहार धूमधाम से मनाए जाने की तैयारी चल रही है। 25 अक्टूबर से शुरू हो रहे इस त्योहार से जुड़े पारंपरिक रीति-रिवाजों में लगभग 150 million भक्त शामिल हो रहे हैं। Confederation of All India Traders (CAIT) के अनुसार, इस वर्ष Chhath Puja से देश में लगभग 38,000 crore रुपए का vyapar होने की उम्मीद की जा रही है। बीते वर्ष Chhath Puja को लेकर यह आंकड़ा 31,000 crore था, जो कि 7,000 करोड़ रुपए की वृद्धि को दिखाता है। जबकि इससे पहले 2023 में यही आंकड़ा 27,000 crore रुपए था, जो कि Chhath से जुड़े व्यापार में समय के साथ हो रही बढ़ोतरी को दर्शाता है।

CAIT की ओर से कहा गया है कि केवल Delhi में बिक्री इस वर्ष 6,000 crore रुपए के आंकड़े को पार कर जाने की उम्मीद है। Chhath Puja का यह त्योहार मुख्य रूप से Bihar, Jharkhand, Uttar Pradesh, West Bengal, Chhattisgarh, Delhi, Uttarakhand, Haryana, Maharashtra, Vidarbha और Madhya Pradesh में रह रहे लोगों द्वारा मनाया जाता है। इसके अलावा, देश के अलग-अलग राज्यों में रह रहे लाखों Purvanchali लोग भी इस पर्व को मनाते हैं।

CAIT के Secretary General Praveen Khandelwal ने कहा कि Chhath Puja के त्योहार से जुड़े मुख्य सामान में soup, daura, bamboo की टोकरी, मिट्टी के diyas, sugarcane, केला, नारियल, सेब, नींबू जैसे फल, wheat और rice का आटा, पारंपरिक thekua जैसी मिठाइयां, khajoor, पूजा का सामान, साडिय़ां, पारंपरिक कपड़े, सजावट का सामान, दूध, घी, बर्तन, tent और मेहमाननवाजी की services शामिल हैं। उन्होंने आगे बताया कि साडिय़ां, lehenga-chunari, महिलाओं के लिए salwar-kurta और kurta-pajama, पुरुषों के लिए dhoti जैसे पारंपरिक कपड़े अधिक से अधिक मात्रा में खरीदे जा रहे हैं, जिससे local व्यापारियों और छोटे उद्योगों को फायदा हो रहा है। इसके अलावा, हाथ से बनी swadeshi वस्तुओं की बिक्री में भी उछाल देखा जा रहा है।

Khandelwal ने कहा, “Chhath Puja केवल एक धार्मिक त्योहार नहीं है, बल्कि यह Indian culture का एक अहम हिस्सा है। यह पर्व social harmony और समर्पण का प्रतीक है। यह व्यापार को भी बढ़ावा देता है और सीधे local producers को फायदा पहुंचाता है, जिससे PM Modi के ‘Vocal for Local’ और ‘Atmanirbhar Bharat’ vision को मजबूती मिलती है।”



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