भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट को 5.5% पर स्थिर रखा और न्यूट्रल रुख अपनाया। बैंकर्स ने इस फैसले का स्वागत किया, कहा कि यह विकास को समर्थन देने और मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए बैलेंस्ड अप्रोच को दर्शाता है।
📌 RBI MPC Decision Highlights
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रेपो रेट: 5.5%
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मौद्रिक नीति रुख: Neutral
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वित्त वर्ष 26 के लिए GDP वृद्धि अनुमान: 6.8% (पहले 6.5%)
📌 Market & Banking Impacts
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स्थिर नीति से ग्राहकों के लिए पूर्वानुमान क्षमता बढ़ी
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EMI का पूर्वानुमान और समय पर क्रेडिट उपलब्ध
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MSME और आवासीय रियल एस्टेट पर जोखिम भार में कमी
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मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से बेसिक बैंक सेवाओं का विस्तार
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प्रस्तावित Risk-based Deposit Insurance Premium से समावेशी विकास को बढ़ावा
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Corporate Acquisition & Capital Market Financing के लिए नए फ्रेमवर्क
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Expected Credit Loss (ECL) फ्रेमवर्क: सभी शेड्यूल कमर्शियल बैंक, पेमेंट बैंक, रीजनल रूरल बैंक, और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाओं के लिए 1 अप्रैल 2027 से लागू
📌 Expert Opinions
Vinod Kumar, MD & CEO, Indian Bank:
“स्थिर नीति ग्राहकों और MSME सेक्टर में मांग को बढ़ाने में महत्वपूर्ण होगी। यह स्थिरता भारत को विकसित अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करती है।”
Ajay Kumar Srivastava, MD & CEO, Indian Overseas Bank:
“GDP वृद्धि दर 6.8% और महंगाई नियंत्रण से भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था की पुष्टि होती है।”
Rajosik Banerjee, KPMG India:
“RBI की मौद्रिक नीति बैंकों की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को मजबूत करेगी और सभी वित्तीय संस्थाओं के लिए ECL फ्रेमवर्क लागू होगा।”
