Monday, December 8, 2025 |
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बीकानेर में मूंगफली उद्योग के लिए संरक्षण व प्रोत्साहन की जरूरत

व्यापारी बोले, कलस्टर और औद्योगिक पार्क भी हो स्थापित

by Business Remedies
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बिजनेस रेमेडीज/जयपुर। बीकानेर कभी मूंगफली उद्योग का महत्वपूर्ण केंद्र हुआ करता था। यहां से उत्पादित मूंगफली पूरे देश में अपनी गुणवत्ता व स्वाद के लिए पहचानी जाती थी, लेकिन वर्तमान में यह उद्योग गंभीर संकट से गुजर रहा है। गुजरात के मूंगफली उद्योग के सामने लगभग समाप्त सा हो चुका है। व्यापारियों का सरकार से आग्रह है कि मूंगफली कलस्टर व औद्योगिक पार्क बीकानेर में जल्द से जल्द स्थापित किया जाए।

सरकारी नीतियों की वजह से घट रहा उत्पादन
जानकारी के अनुसार, बीकानेर में भुजिया पापड़ के समकक्ष ही मूंगफली उद्योग है। भू-भाग में राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है और राज्य में मूंगफली उत्पादन का 18 से 20 लाख टन बीकानेर में होता है। बीकानेर में इस उद्योग के और भी विस्तृत होने की अत्यन्त संभावना है, लेकिन सरकारी नीतियों का समर्थन नहीं होने से मूंगफली की खेती का रकबा धीरे-धीरे घट रहा है। उपज लगातार घटती जा रही है।

कृषक कल्याण सेस बड़ी बाधा
बीकानेर में मूंगफली उत्पादन से संबंधित अनेक समस्याएं हैं। इनमें मंडी में माल आता है तो कृषक कल्याण कोष 0.5 प्रतिशत लगता है, जो देश के अन्य राज्यों में नहीं लगता। यहां मंडी टैक्स 1.6 प्रतिशत है, जबकि गुजरात में 0.5 प्रतिशत ही है। आढ़त यहां पर 2.25 प्रतिशत है, जबकि गुजरात में 1.25 प्रतिशत है। इसके अलावा सीधे किसान से माल लेने पर गुजरात में कृषि मंडी टैक्स नहीं लगता, जबकि यहां पर अनिवार्य है। इसके अलावा दूसरे राज्य से माल आने पर यहां 1.6 प्रतिशत मंडी टैक्स अलग से और भरवाना पड़ता है। गुजरात पोर्ट में माल एक्सपोर्ट का खर्चा 0.60 पैसे प्रति किलो तक होता है। बीकानेर में यह भाड़ा कम से कम 1.60 पैसे में पड़ता है। दो साल से माल में टिक्की की समस्या से माल के एक्सपोर्ट व लोकल मार्केट की बिक्री में भी बड़ा फर्क पड़ा है। सरकार से आग्रह है कि लैब में टेस्ट कराकर इस समस्या का तत्काल समाधान किया जाना चाहिए, जिससे माल एक्सपोर्ट हो सके।

मूंगफली डिपार्टमेंट का कोई लाभ नहीं
बीकानेर में मूंगफली डिपार्टमेंट है, लेकिन सामंजस्य नहीं होने से व्यापारी व किसान दोनों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। दो साल पहले बीछवाल मूंगफली अनुसंधान निदेशालय में गिरनार (4) क्वालिटी का ट्रायल किया था। यह ट्रायल काफी सफल रहा, लेकिन सरकार राजस्थान के किसानों को बीज नहीं देती बल्कि गुजरात के किसानों को मुफ्त में बीज देती है। गिरनार 4 का ऑयल वल्र्ड में सबसे बढिय़ा ऑयल माना जाता है। यह ऑयल खराब कॉलेस्ट्रोल कम होता है। अंतरराष्ट्रीय लैब की सुविधा न होने से सैंपल टेस्ट होने में काफी समस लगता है।

राजसिको के माध्यम माल भेजने पर ही सब्सिडी
राजस्थान में कहने को एक्सपोर्ट सब्सिडी में सुविधा दी जाती है। राजसिको के माध्यम से माल भेजे तो यह सुविधा है। राजस्थान में राजसिको के ऑफिस 4 ही जगह है। इसलिए बीकानेर में भी राजसिको का ऑफिस खोलना जाना चाहिए, जिससे किसानों व व्यापारियों को सुविधा स्थानीय स्तर पर ही मिल सके।

 

बीकानेर के किसान और उद्योग दोनों को सरकारी नीतियों का समर्थन मिले। इनमें मूंगफली कलस्टर और औद्योगिक पार्क की स्थापना की जाए ताकि प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, कोल्ड स्टोरेज एक ही जगह पर स्थापित हो सकें, जिससे बीकानेर की भूजिया की तरह मूंगफली भी ब्रांड बन सके। इसके अलावा किसानों और उद्योगों को जोडऩे वाली मजबूत सहकारी संरचना स्थापित हों।
– जुगल राठी, अध्यक्ष, बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल

यदि राज्य सरकार की ओर से आवश्यक सहयोग, प्रोत्साहन योजनाएं और औद्योगिक नीति के अंतर्गत विशेष प्रावधान किए जाएं तो बीकानेर पुन: देश के प्रमुख मूंगफली उत्पादन और प्रसंस्करण केंद्र के रूप में विकसित हो सकता है। बीकानेर का यह पारंपरिक उद्योग न केवल किसानों बल्कि हजारों श्रमिकों के लिए भी रोजगार का साधन बन सकता है।
– संजय जैन सांड, सचिव, बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल



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