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प्रगतिशीली उद्यमी : केंद्र सरकार की बदलती नीतियों से परेशानी : रमेश गुप्ता

by Business Remedies
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कुंजेश कुमार पतसारिया

अनुभव लेकर अगर काम शुरू किया जाए तो इसमें सफलता भी जरूर मिलती है। ऐसा कर दिखाया है पंचशील इण्डस्ट्रीज के मैनेजर रमेश गुप्ता ने। शुरू में काफी समय तक सेल्समैन का काम किया, उसके बाद खुद की वर्ष,१९९४ में इण्डस्ट्रीज स्थापित कर खाद्य तेल का व्यापार शुरू किया। आज बाजार में अपनी मेहनत और लगन से व्यापार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

आप अपने व्यवसाय में किस तरह की सेवाएं प्रदान करते हैं?

हम माल खरीदकर बेचते हैं,यानि की ट्रेडिंग का काम है। सभी तरह के खाद्य तेलों का बेचान किया जाता है।

प्रतिस्पर्धा के समय में क्या कोई कठिनाई महसूस करते हैं?

बाजार में कंप्टीशन तो बहुत है, लेकिन इस व्यवसाय में काफी समय से होने के कारण ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है। खाद्य तेलों में तेजी और मंदी का दौर चलता रहता है। पिछले दो वर्षों से तेलों में मंदी आई हुई है। इससे मार्जिन भी बहुत कम हो गया है। वहीं ऑनलाइन ज्यादा व्यवसाय होने के कारण हमारा व्यापार भी प्रभावित हुआ है।

आने वाले समय में व्यवसाय को और आगे कितना बढ़ाने चाहते हैं?

अभी फिलहाल कोई अंदाजा नहीं लगाया है। बाजार को देखकर ही व्यापार को बढ़ाएंगे। अभी तो तेलों की कीमतों में गिरावट आई हुई है।

आप अपना आदर्श किसे मानते हैं?

मेरे आदर्श बड़े भाई अशोक सारथी है, उनकी प्ररेणा से मैं आगे बढ़ पा रहा हूं।

आप कोई सामाजिक संगठन से जुड़े हुए है या फिर सामाजिक सरोकार कार्य किए?

मैं खण्डेलवाल समाज और राष्ट्रीय सेवक संघ से जुड़ा हुआ हूं। समय-समय पर होने वाले कार्यक्रमों में अपनी सक्रियता निभाता रहता हूं। इसके अलावा मंदिरों में भण्डारा और गरीबों को आर्थिक सहयोग देने में अपनी सहभागेदारिता निभाता रहता हूं।

केंद्र सरकार और राज्य सरकार से आपकी क्या अपेक्षा हैं?

वैसे तो बजट बढिय़ा है, लेकिन केंद्र सरकार की बदलती नीतियां हम जैसे व्यापारियों को परेशानी में डाल देती है। नया प्रावधान ४५ दिन के आउटस्टेडिंग से काफी दिक्कतें व्यापारियों के समक्ष आ जाएगी। इसके अलावा माल हम जीएसटी देकर लेते है, दूसरी पार्टी अगर माल के जीएसटी रिटर्न में नहीं भरती है तो उसका भार भी हम पर ही पड़ता है। इसलिए केंद्र सरकार को नियमों का सरलीकरण कर व्यापारियों को राहत देनी चाहिए।

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