Tuesday, September 30, 2025 |
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NSE पर 14 जुलाई से बिजली वायदा अनुबंध होगा लाइव,लॉट साइज़ है 50 मेगावाट घंटा

by Business Remedies
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जयपुर। जून, 2025 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से मासिक बिजली वायदा अनुबंध शुरू करने की मंज़ूरी मिली थी। अब एनएसई पर 14 जुलाई, 2025 से बिजली वायदा अनुबंध लाइव होने जा रहा है। 12 जुलाई 2025 को एनएसई पर होने वाली मॉक ट्रेडिंग सेशन में बिजली वायदा अनुबंध की टेस्टिंग होगी। 29 अगस्त 2025 को इस वायदा अनुबंध की कटान होगी।

भारत में एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) पर बिजली वायदा अनुबंधों का लॉट साइज़ 50 मेगावाट घंटा (मेगावाट घंटे) है। इसका मतलब है कि एक बिजली वायदा अनुबंध 50 मेगावाट घंटा बिजली की मात्रा का प्रतिनिधित्व करता है। कीमत प्रति मेगावाट घंटा उद्धृत की जाती है और टिक साइज़ (न्यूनतम मूल्य में उतार-चढ़ाव) 1 रुपए प्रति मेगावाट घंटा है, यानी प्रति लॉट 50 रुपए का उतार-चढ़ाव।

अनुबंध मूल्य की गणना लॉट साइज़ (50 मेगावाट घंटा) को प्रति मेगावाट वर्तमान बाजार मूल्य से गुणा करके की जाती है। उदाहरण के लिए, यदि बिजली की कीमत 4,000 रुपए/मेगावाट घंटा है, तो अनुबंध मूल्य गुना 50 मेगावाट घंटा के हिसाब से 200,000 रुपए होगा।

गौरतलब है कि यह कदम भारत के बिजली बाज़ारों को मज़बूत करने और विद्युत अधिनियम, 2003 में उल्लिखित संरचनात्मक सुधारों को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2070 तक भारत के शुद्ध-शून्य उत्सर्जन लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए 2047 तक 250 अरब डॉलर से अधिक के वार्षिक निवेश की आवश्यकता होगी। 2030 तक, सौर और पवन जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का देश की स्थापित बिजली क्षमता में 50 फीसदी से अधिक योगदान होने की उम्मीद है। इस बदलाव को समर्थन देने के लिए घरेलू और वैश्विक पूंजी को आकर्षित करने के लिए एक सुविकसित बिजली डेरिवेटिव बाजार अत्यंत महत्वपूर्ण है।

नए मासिक बिजली वायदा अनुबंधों का उद्देश्य बाजार सहभागियों को मूल्य अस्थिरता से बचाव के साधन प्रदान करना है, जिससे बिजली क्षेत्र में अधिक पारदर्शी और कुशल मूल्य संकेत प्राप्त हो सकें। इनसे उत्पादन से लेकर खुदरा बिक्री तक, पूरी बिजली मूल्य श्रृंखला में निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। नए अनुबंधों का समाशोधन और निपटान एनएसई क्लियरिंग द्वारा किया जाएगा, जो सेबी द्वारा मान्यता प्राप्त है।



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