Friday, April 18, 2025 |
Home » वर्ष 2018-19 में खाद्यान्न उत्पादन एक प्रतिशत घटकर 28 करोड़ 13 लाख 70 हजार टन रह सकता है

वर्ष 2018-19 में खाद्यान्न उत्पादन एक प्रतिशत घटकर 28 करोड़ 13 लाख 70 हजार टन रह सकता है

by Business Remedies
0 comments

नई दिल्ली। सरकार ने कहा कि रिकॉर्ड चावल उत्पादन के बावजूद वर्ष 2018-19 में देश का खाद्यान्न उत्पादन एक प्रतिशत घटकर 28 करोड़ 13 लाख 70 हजार टन रहने का अनुमान है। इस साल देश में दलहन और मोटे अनाजों का उत्पादन कुछ कम रहने की संभावना है। इससे पिछले फसल वर्ष 2017-18 (जुलाई-जून) में 28 करोड़ 48 लाख 30 हजार टन का खाद्यान्न उत्पादन देश में हुआ था।

केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने वर्ष 2018-19 के लिए दूसरे अग्रिम अनुमान जारी करते हुए कहा, “देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन 28 करोड़ 13 लाख 70 हजार टन रहने का अनुमान है।” देश में मॉनसून सत्र (जून से सितंबर 2018) के दौरान कुल संचयी वर्षा लंबी अवधि के औसत (एलपीए) से नौ प्रतिशत कम थी। आंकड़ों के अनुसार, चावल उत्पादन वर्ष 2018-19 में पिछले वर्ष के 11 करोड़ 29 लाख टन से बढक़र रिकॉर्ड 11 करोड़ 56 लाख टन को छूने का अनुमान है। गेहूं उत्पादन पिछले वर्ष के 9.97 करोड़ टन से थोड़ा कम रहकर 9.91 करोड़ टन रहने का अनुमान लगाया गया है। मोटे अनाजों का उत्पादन पिछले वर्ष में चार करोड़ 70 लाख टन से घटकर चार करोड़ 26 लाख टन रहने का अनुमान है।

समीक्षाधीन अवधि के दौरान दलहन उत्पादन भी रिकॉर्ड दो करोड़ 52 लाख टन से घटकर दो करोड़ 40 लाख टन रहने का अनुमान लगाया गया है। गैर-खाद्यान्न फसलों के बीच, वर्ष 2018-19 के दौरान कुल तिलहन उत्पादन तीन करोड़ 15 लाख टन अनुमानित है, जबकि पिछले वर्ष यह उत्पादन तीन करोड़ 13 लाख टन का हुआ था। गन्ना उत्पादन पहले के 37 करोड़ 69 लाख टन से बढक़र 38 करोड़ 8.3 लाख टन होने का अनुमान है। कपास का उत्पादन पहले के तीन करोड़ 48 लाख 80 हजार गांठों से घटकर तीन करोड़ 90 हजार (कपास की एक गांठ 170 किलो प्रत्येक) रहना आंका गया है, जबकि जूट और मेस्ता का उत्पादन पहले के एक करोड़ 01 लाख गांठों के मुकाबले एक करोड़ 70 हजार गांठ (एक गांठ 180 किलो प्रत्येक) रहने का अनुमान लगाया गया है।

भारत में पिछले कुछ वर्षों में खाद्यान्न, तिलहन, कपास, गन्ना, फल, सब्जियों की भरमार पैदावार देखी गई है, जिसके परिणामस्वरूप किसानों को इनकी कम कीमत प्राप्त हुई है।



You may also like

Leave a Comment

Copyright @ Singhvi publication Pvt Ltd. | All right reserved – Developed by IJS INFOTECH