नई दिल्ली/एजेंसी। सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय प्रस्ताव को मंजूरी दे दी हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इनमें से कुछ विलय इसी साल हो सकते हैं, लेकिन आम लोगों को इससे शुरूआती दौर में परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता हैं। चूंकि देश के अलग अलग हिस्सों मे अलग अलग बैंकों का दबदगबा है, ऐसे मे सवाल ये उठता है कि किस बैंक का कौन से बैंक मे विलय होगा।
लोगों की ये भी चिंता है कि विलय के बाद कहीं उनका पुराना अकाउंट बंद तो नहीं हो जाएगा और इसके बदले उन्हे नया अकाउंट तो नहीं खुलवाना होगा, क्या फिर से केवाईसी की जरूरत पड़ेगी और पुराने पासबुक और एटीएम कार्ड का क्या होगा। ऐसे ही कुछ सवालों का जवाब हम आपको बताने जा रहे है जिसे आपको जानना बेहद जरूरी हैं। विलय के बाद किसी ग्राहक का अकाउंट तो बंद नहीं होगा लेकिन छोटे बैंको का बड़े बैंको में विलय के बाद ग्राहकों को थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता हैं। अभी लगभग सभी बड़े बैंक आधुनिक टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हैं ऐसे मे विलय के बाद छोटे बैंको को भी इन आधुनिक टेक्नोलॉजी को अपनाना होगा। ग्राहकों को अपना पासबुक भी बदलवानी पडेंगी।
इन विलय के बाद एटीम और क्रेडिट कार्ड पर तो कोई असर नही होगा लेकिन आपके बैंक का किसी बड़े बैंक मे विलय होता है तो आपको उस बैंक का एटीएम और क्रेडिट कार्ड लेना पड़ सकता हैं। हालांकि अकाउंट नंबर और कार्ड नंबर पुराने ही रहने की संभावना हैं। अगर आप अपने घर से पास होने के वजह से किसी बैंक में अपने खाता खुलवाए है तो आपको परेशानी हो सकता है। ऐसे इसलिए क्योंकि बैंको के विलय के बाद बैंक का ब्रांच पुराने ब्रांच से अलग भी शिफ्ट हो सकता हैं। बैंका ऐसा अपने ऑपरेशनल खर्च कम करने के लिए ब्रांच को शिफ्ट कर सकती हैं।
पंजाब नेशनल बैंक मे ओबीसी बैंक, इलाहाबाद बैंक, कॉरपोरेशन बैंक और इंडियन बैंक का मर्जर हो सकता हैं। केनरा बैंक मे सिंडिकेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और यूको बैंक का मर्जर हो सकता हैं। साथ ही यूनियन बैंक में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और देना बैंक का मर्जर हो सकता हैं। इसके अलावा बैंक ऑफ इंडिया मे आंध्रा बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और विजया बैंक का भी मर्जर हो सकता हैं।
