नई दिल्ली। बारीक चावल में धीरे-धीरे निर्यात मांग कमजोर पडऩे से 50/100 रुपए का और मंदा आ गया। हरियाणा-पंजाब में डेेरासगाा सौदा के प्रमुख पर फैसला आने से कारोबार लगभग बंद रहा। इसका प्रभाव चावल पर भी भारी मंदे के रूप में देखा गया। वहीं मूंग, मसूर, तुवर एवं चना 100/150 रुपए और बढ़ गये। पक्के मालों में भी 100 रुपए का और इजाफा हो गया। खाद्य तेलों में भी मजबूती देखने को मिली। बिनौला तेल 50 रुपए तेज हो गया। सरसों भी 25/30 रुपए तेज बोली गयी। किराने में मखाना, बिहार में आई बाढ़ से गुलाबबाग, दरभंगा मंडी में 20/30 रुपए किलो और बढ़ गया। उसके प्रभाव से यहां भी बढ़ाकर बोला गया। कुट्टïू भी रायगढ़ से पड़ता न लगने से 300 रुपए और महंगा हो गया। जीरे में भी 100 रुपए की और तेजी आ गयी। जबकि पोस्तदाना, ग्राहकी कमजोर होने से 10 रुपए किलो नीचे आ गया।
अनाज-दाल
अब नये धान की फसल तैयार होने का समय धीरे-धीरे निकट आने लगा है। सितम्बर शिपमेंट का माल लोड होकर निकल चुका है। अक्टूबर शिपमेंट में दो जहाज लोड होने की चर्चा है, लेकिन उस पर मोटे एवं बारीक चावल जाने हैं। वहीं डुप्लीकेट 1509 चावल यूपी-उत्तरांचल की मंडियों में सस्ता बिकने से 1121 चावल में निर्यातकों की मांग ठण्डी पड़ गयी है, जिससे गत दो-तीन दिनों से मंदे का रुख बना हुआ है। आज भी 100 रुपए और घटकर 1121 सेला चावल 5000/5050 रुपए रह गया। चीका लाइन में 4950 से ऊपर का व्यापार नहीं हुआ। इसी अनुपात में स्टीम चावल में भी मंदे का रुख बना रहा। वहीं दलहनों में मूंग, राजस्थान की फसल में पोल आने एवं यूपी-बिहार के माल भी कम आने से 100 रुपए और बढ़कर 5200/5600 रुपए हो गयी। मसूर भी बिल्टी में 100 रुपए और बढ़कर 4250/4300 रुपए पर जा पहुंची। कनाडा की मसूर भी 4100/4150 रुपए पर 50 रुपए यहां बढ़ गयी। इसी अनुपात में मोठ भी 100 रुपए और बढ़कर 3900 रुपए एवरेज माल बिक गया। जबकि बढिय़ा 4000 रुपए से ऊपर बोल रहे थे। तुवर भी दाल मिलों की लिवाली से 100 रुपए बढ़ाकर लैमन 4500 रुपए कर दी गयी। देशी चने की आवक लारेन्स रोड पर 44-45 ट्रक के आसपास हुई। डिब्बे में कल चना 175 रुपए बढ़कर बंद होने से हाजिर में भी 100/150 रुपए और बढ़कर राजस्थानी चना 6100/6150 रुपए हो गया।
तेल-तिलहन
तेल मिलों की मांग निकलने तथा बिकवाली कमजोर होने से लारेन्स रोड पर सरसों के भाव 25 रुपए बढ़कर 3625/3725 रुपए प्रति क्विंटल हो गये। सीमित बिकवाली के कारण बिनौला तेल के भाव 50 रुपए बढ़ाकर 6700 रुपए बोले गये। अखाद्य तेलों में पेंट निर्माताओं की मांग से अरंडी तेल के भाव 50 रुपए सुधरकर 9200/9300 रुपए हो गये। विदेशों में सीपीओ के भाव 700 डॉलर प्रति टन बोले जाने से कांदला में यह 4550 रुपए क्विंटल पर स्थिर रहा। गणेश चतुर्थी के उपलक्ष्य में वायदा कारोबार बंद होने से हाजिर व्यापार प्रभावित रहा।
गुड़-चीनी
छिटपुट मांग एवं स्टॉकिस्टों की बिकवाली घटने से गुड़ 3500/3900 रुपए एवं शक्कर के भाव 4000/4100 रुपए पर टिके रहे। गणेश चतुर्थी के उपलक्ष्य में मुजफ्फरनगर मंडी बंद रही। चीनी में उठाव घटने से कारोबार सुस्त रहा।
किराना-मेवे
गणेश चतुर्थी के उपलक्ष्य में गुजरात की ऊंझा मंडी बंद होने से यहां माल न आने के कारण 100 रुपए और बढ़ाकर एवरेज जीरा 20000/20100 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया। जबकि ग्राहकी के अभाव में पोस्तदाना चाइना 10 रुपए टूटकर 440 रुपए किलो रह गया। इसके प्रभाव से देसी माल में भी इतने ही निकल गये। अन्य किराना जिंसों में स्थिरता रही। केरल-कर्नाटक की मंडियों से माल न आने से गोला 500 रुपए बढ़कर कट्टïे में 11000/11500 रुपए एवं गत्ता बॉक्स में 13500/15000 रुपए क्विँटल पर जा पहुंचा। गोला बुरादा भी मजबूत रहा। बिहार की मंडियों में बाढ़ से मखाना 20/30 रुपए और उछलकर 260/270 रुपए पर पहुंच गया, जिससे यहां भी इसी अनुपात में बढ़कर 390/440 रुपए प्रति किलो हो गया। बढिय़ा सैलेक्टिड 500 से ऊंचा बिक रहा है। कुट्ट भी रायगढ़ लाइन में ऊंचे भाव होने से यहां नहीं आ रहा है जिससे 300 रुपए और बढ़कर 8100/8300 रुपए का व्यापार हो गया। (एनएनएस)