Friday, April 18, 2025 |
Home » विलफुल डिफॉल्टर्स की संख्या 5 साल में  60 प्रतिशत बढ़कर 8,582 पहुंची: वित्त मंत्री

विलफुल डिफॉल्टर्स की संख्या 5 साल में  60 प्रतिशत बढ़कर 8,582 पहुंची: वित्त मंत्री

by Business Remedies
0 comments

 

नई दिल्ली। सरकारी बैंकों में विलफुल डिफॉल्टर्स की तादाद बीते पांच साल में मार्च 2019 तक 60 फीसदी से भी ज्यादा बढ़कर 8,582 हो गई है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि 2014-15 के अंत तक विलफुल डिफॉल्टर्स आंकड़ा 5,349 था। विलफुल डिफॉल्टर एक व्यक्ति या संस्था होती है, जो क्षमता के बावजूद कर्ज का भुगतान नहीं करता है। वित्त मंत्री एक सवाल का जवाब दे रही थीं, जिसमें पूछा गया था कि बीते पांच साल में विलफुल डिफॉल्टर्स की संख्या बढ़ी है या नहीं। उन्होंने बताया कि 2014-15 के बाद बैंकों के विलफुल डिफॉल्टर्स की तादाद में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वित्त वर्ष 2015-16 में इसका आंकड़ा 6,575, वित्त वर्ष 2016-17 में 7,079 और वित्त वर्ष 2017-18 में बढ़कर 7,535 पर पहुंच गया। सीतारमण ने कहा, विलफुल डिफॉल्टर्स के खिलाफ व्यापक पैमाने पर कार्रवाई की जाती है। आरबीआई के दिशा-निर्देश के मुताबिक, बैंकों या वित्तीय संस्थानों द्वारा विलफुल डिफॉल्टर्स को कोई अतिरिक्त सुविधाएं नहीं मिली हुई हैं और उनकी कंपनी को पांच साल के लिए कोई और उपक्रम लाने पर पाबंदी लगा दी जाती है। उन्होंने कहा कि बीते पांच साल में विलफुल डिफॉल्टर्स से 7,654 करोड़ रुपये की रकम वसूल की गई है।  सरकारी बैंकों द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, 31 मार्च, 2019 तक उनके पास वसूली के लिए 8,121 मामले लंबित पड़े थे। सिक्यॉर्ड ऐसेट्स के मामलों में 6,251 केसेज में सारफेसी ऐक्ट के तहत कार्रवाई शुरू की गई है। भारत में कुल 17 सरकारी बैंक हैं। सीतारमण ने कहा, इसके अलावा, जरूरत पडऩे पर आरबीआई के आपराधिक प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश के मुताबिक, 2,915 मामलों में एफआईआर दर्ज किए गए हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि दिवाला एवं दिवालिया संहिता, 2016 का इस्तेमाल करते हुए विलफुल डिफॉल्टर्स को दिवाला निस्तारण प्रक्रियाओं में हिस्सा लेने से रोका गया है।



You may also like

Leave a Comment

Copyright @ Singhvi publication Pvt Ltd. | All right reserved – Developed by IJS INFOTECH