नई दिल्ली। गत चार दिनों से पश्चिमी की हवा बहने से धान के खेतों में पानी सूख गया है। वहीं ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पहले ही पानी की कमी थी, जो बरसात न होने से धान सूखने लगा है। इन परिस्थितियों को देखते हुए आने वाली धान की फसल घट जाएगी। इसे देखकर पुराने माल की बिकवाली कमजोर पडऩे से धान व चावल बढऩे लगेे हैं।
पश्चिमी हवा बहने से मौसम सूखे जैसा हो गया है तथा खेतों का पानी सूख गया है तथा जिन खेतों में पानी नहीं था, उसमें पानी की कमी से धान दोपहर में मुरझाने लगे हैं। इस स्थिति में धान की निकली बाली में दाने सूखने लगे हैं एवं जिस धान के मुंह में बाली आने वाली है, वह पानी की कमी से फंस जाएगी। इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए कमी आने की संभावना प्रबल हो गयी है। इस स्थिति में 600/700 रुपए की इसमें और तेजी के आसार प्रबल हो गये हैं। तरावड़ी, चीका, फतेेहाबाद, निसिंग, सफीदों, करनाल के साथ-साथ अमृतसर, तरंतारण एवं जंडियालागुरू लाइन में 1121 धान का स्टॉक काफी कम बचा है। यूपी में कुछ माल अधिक बचा था, लेकिन हरियाणा, पंजाब की लिवाली चलने से दादरी लाइन के माल में 200 रुपए बढक़र 3000/3050 रुपए में हरियाणा की राइस मिलें खरीद करने लगी हैं। इससे सेला बनाने पर 5800 रुपए मिल में पड़ रहा है। इसे देेेखकर निर्यातक एक तरफ माल पकडऩे लगे हैं। दूसरी ओर पड़ते के अभाव में राइस मिलें माल बेचने से पीछे हटने लगी हैं। फलत: गत चार दिनों में 300 रुपए बढक़र आज 5300 रुपए सेला माल के भाव बोलने लगे। धान-1509 भी नई आवक का 2000 से बढक़र आज 2350 रुपए बिक गया। इसके चावल में भी इसी अनुपात में तेजी आ गयी। नई फसल आने में अभी पौने दो माह का समय और लगेगा तथा 1121 धान की रोपाई औसतन 30 प्रतिशत कम होने की पक्की रिपोर्ट आने लगी है। यूपी के कुछ कारोबारी 40 प्रतिशत तक रोपाई कम बोल रहे हैैं।(एनएनएस)
पश्चिमी हवा से बारीक चावल की फसल को नुकसान
150
previous post