यूबी प्रवीण राव को कंपनी के अंतरिम एमडी और सीईओ की जिम्मेदारी सौंपी गई है
नई दिल्ली। प्रमोटरों के साथ लगातार मतभेदों के बीच विशाल सिक्का ने इन्फोसिस के एमडी और सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया। उनकी जगह यूबी प्रवीण राव को कंपनी के अंतरिम एमडी और सीईओ की जिम्मेदारी सौंप दी गई है।
विशाल सिक्का का इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार करते हुए कंपनी ने उन्हें प्रमोशन देकर एग्जिक्युटिव वाइस चेयरमेन बना दिया है। दरअसल, कंपनी में कामकाज की संस्कृति में बदलाव, वेतन वृद्धि, नौकरी छोडऩेवाले कर्मचारियों की बढ़ती तादाद, कंपनी छोडऩेवालों को दिए जानेवाले मुआवजे (सेवरेंस पे) आदि को लेकर प्रमोटर लगातार आवाज उठाते रहे। खासकर, कंपनी के सह-संस्थापक नारायणमूर्ति इन मुद्दों पर काफी मुखर रहे। कंपनी के पूर्व सीएफओ राजीव बंसल को मिले सेवरेंस पे पर उन्होंने गहरी आपत्ति जताई। बहरहाल, विशाल सिक्का ने रेजिग्नेशन लेटर में अच्छे काम को लगातार नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। उन्होंने लेटर में लिखा कि काम में लगातार रुकावट डाली जा रही थी।
सिक्का ने अपने इस्तीफे में लिखा, ऐसे रुकावट भरे माहौल में मेरे लिए काम करना मुश्किल हो गया है। मेरे ऊपर लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद और झूठे साबित हुए हैं। मैंने शेयरधारकों के हित में इस्तीफा दिया है। इस्तीफे पर कंपनी ने कहा कि नए मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ के पदभार संभालने तक विशाल एक्जिक्युटिव वाइस-चेयरमेन बने रहेंगे। 31 मार्च, 2018 से पहले-पहले यह नियुक्ति कर दी जाएगी।
बोर्ड ने विशाल सिक्का के योगदान को सराहा
विशाल सिक्का की असाधारण लीडरशिप और कंपनी के लिए असाधारण योगदान की सराहना की है। बयान में कहा गया है कि विशाल सिक्का को आज से एग्जीक्यूटिव वाइस चेयरमैन नियुक्त किया गया है। वे नए परमानेंट चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर और मैनेजिंग डायरेक्टर के काम काज संभालने तक अपने पद पर रहेंगे।
सिक्का के विजन पर आगे बढ़ेगी कंपनी
इन्फोसिस बोर्ड के चेयरमैन आर. सेशासाई ने कहा कि इन्फोसिस के ट्रांसफार्मेशन में विशाल सिक्का ने अहम योगदान दिया है। उनको कंपनी को नईदिशा, एनर्जी और मकसद देने के लिए याद किया जाएगा। इंडस्ट्री और कंपनी के फ्यूचर के लिए सिक्का का विजन आगे भी हमारे लिए रेफरेंस प्वाइंट रहेगा।
13,000 करोड़ के बायबैक पर आज होगा फैसला
देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस का बोर्ड आज शेयर बायबैक पर चर्चा करेगा। कंपनी की तरफ से करीब 13,000 करोड़ रुपए के बायबैक का प्रपोजल है। कंपनी ने गुरुवार को स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में जानकारी दी। संभवत: उसी दिन बायबैक की कीमत पर भी फैसला होगा। इंफोसिस के 36 साल के इतिहास में पहली बार शेयरों की वापस खरीद होगी। कंपनी के पास लगातार काफी कैश पड़ा हुआ है।