नई दिल्ली। देश में यदि जून के अंत तक सभी तरह की उड़ानें बंद रहती हैं तो भारतीय विमानन क्षेत्र को अप्रैल-जून तिमाही में 3.3 से 3.6 अरब डॉलर का नुकसान होने की संभावना है। विमानन क्षेत्र की परामर्श कंपनी सीएपीए इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा।सीएपीए इंडिया ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए विमानन उद्योग को समन्वय करने की जरूरत है। कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए भारत सरकार ने 15 अप्रैल तक देश में वाणिज्यिक उड़ानों का परिचालन निलंबित कर दिया है।
रिपोर्ट में सीएपीए इंडिया ने कहा कि इससे विमानन कंपनियों को 1.75 अरब डॉलर तक का नुकसान हो सकता है। वहीं हवाई अड्डों और अन्य सुविधाओं को 1.50 अरब से 1.75 अरब डॉलर तक हानि होने का अनुमान है। जबकि ग्रांउड हैंडलिंग परिचालन बंद रहने से भी आठ करोड़ से नौ करोड़ डॉलर के नुकसान की संभावना है। इस प्रकार अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विमानन उद्योग को कुल 3.3 अरब डॉलर से 3.6 अरब डॉलर का नुकसान होने की संभावना है।
डॉलर के मुकाबले रुपये की वर्तमान दर पर यह नुकसान करीब 25,000 करोड़ से 27,000 करोड़ रुपये का होगा।
सीएपीए इंडिया का यह अनुमान 30 जून तक देश में सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद रहने पर आधारित है।