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ट्राई ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की फीस घटाई

by Business Remedies
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नई दिल्ली। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ञ्जक्र्रढ्ढ) ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) को सस्ता कर दिया है। यानी कोई यूजर टेलिकॉम ऑपरेटर सर्विस को बदलना चाहता है तो उसे अब सिर्फ 5.74 रुपए खर्च करने होंगे। मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की पुरानी फीस 19 रुपए थी, नई फीस इसी महीने की 30 सितंबर से लागू हो जाएगी। नई दरें 30 सितंबर से होंगी लागू हालांकि, इससे सब्सक्राइबर्स को कुछ खास फायदा नहीं होने वाला, लेकिन देश के टेलिकॉम ऑपरेटर्स के लिए राहत की खबर है।

ट्राई ने कहा कि नई कीमत को सिस्टम में किए गए बदलावों के बाद तय किया गया है। इस बारे में ट्राई के चेयरमैन आर.एस. शर्मा ने कहा कि मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी कॉस्ट रीइंबर्समेंट पर आधारित हैं और इन्हें इसी के हिसाब से जोड़ा गया है।

मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के नियम: टेलीकॉम नियामक ट्राई ने लोगों की सुविधा के लिए पोर्टिंग के नियमों में कई बदलाव किए हैं। ट्राई ने नए नियमों के मुताबिक अब एक ही सर्किल के अंदर नंबर पोर्ट कराने में सिर्फ दो दिन का समय लगेगा। एक से दूसरे सर्किल में मोबाइल नंबर पोर्ट कराने में चार दिन का समय लगेगा। पहले इसमें एक हफ्ते का समय लग जाता था।

ट्राई के मुताबिक, यूजर्स कई वजहों से अपना मोबाइल नंबर पोर्ट कराने का फैसला ले सकता है। कई बार कंपनी की सेवा खराब होने पर यूजर्स दूसरी कंपनी की सेवा लेने के लिए अपना नंबर पोर्ट कराते हैं। कई बार नौकरी में ट्रांसफर या दूसरी वजहों से शहर बदल जाने पर यूजर अपना नंबर पोर्ट कराता है।

टेलिकॉम कंपनियों को होगा फायदा: टेलिकॉम ऑपरेटर्स को हर मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी ट्रांजैक्शन के लिए अलग-अलग एजेंसियों को भुगताम करना पड़ता है। ट्राई द्वारा तय की गई नई फीस के बाद अब टेलिकॉम ऑपरेटर्स को हर ट्रांजैक्शन में बचत होगी। टेलिकॉम ऑपरेटर्स को हर नए ग्राहक के लिए अभी 19 रुपए का भुगतान करना पड़ता है। ये पेमेंट मोबाइल नंबर सर्विस प्रोवाइडर एजेंसी जैसे स्4ठ्ठद्ब1द्गह्म्ह्यद्ग ञ्जद्गष्द्धठ्ठशद्यशद्दद्बद्गह्य और रूहृक्क ढ्ढठ्ठह्लद्गह्म्ष्शठ्ठठ्ठद्गष्ह्लद्बशठ्ठ ञ्जद्गद्यद्गष्शद्व स्शद्यह्वह्लद्बशठ्ठह्य के खाते में जाती है।

सालाना 75 करोड़ रुपए तक की बचत: ट्राई ने जो नई दर तय की है वह पिछली दर से 70 प्रतिशत कम है। इससे टेलिकॉम कंपनियों को काफी फायदा होगा। नई दरों के लागू होने के बाद एयरटेल, वोडाफोन जैसी देश की दूसरी कंपनियों को भी सालाना 75 करोड़ रुपए तक की बचत होगी।

पोर्टिंग आवेदन खारिज करने पर लगेगा 10,000 रुपए जुर्माना:नए नियमों के मुताबिक, पोर्टिंग का आवेदन गलत कारणों से खारिज करने पर ट्राई मोबाइल ऑपरेटर पर 10,000 रुपए तक का जुर्माना लगा सकती है। नए नियमों के तहत ट्राई ने कॉरपोरेट पोर्टिंग को भी आसान किया है।  अब सिंगल अथॉराइजेशन लेटर का इस्तेमाल करके एक साथ 100 मोबाइल नंबर पोर्ट कराए जा सकेंगे। पहले यह लिमिट 50 मोबाइल नंबर थी।

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