जैसलमेर/निसं। भविष्य में पर्यटन क्षेत्र अर्थव्यवस्था का प्रमुख संचालक होगा। पहले राज्यों का मुख्य फोकस इन्फ्रास्टक्चर डवलपमेंट पर होता था। इसके बाद सोशल इन्फ्रास्टक्चर और फिर पर्यटन क्षेत्र पर ध्यान दिया जाता था। हालांकि अब परिदृश्य तेजी से बदल रहा है और रोजगार के अवसर उत्पन्न करने तथा आर्थिक विकास के लिए पर्यटन क्षेत्र अहम भूमिका निभा सकता है। यह बात मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इंडियन हैरिटेज होटल्स एसोसिएशन (आईएचएचए) के वार्षिक सम्मेलन में कही। इस दौरान ट्रेवल ट्रेड की ओर से जीएसटी के बारे में उठाए गए मुद्दों के बारे में मुख्यमंत्री ने आश्वस्त करते हुए कहा कि वे इस बारे में केन्द्र सरकार के अधिकारियों से बात करेंगी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी हाल में राजस्थान के दौरे में इस बात पर जोर दिया है कि पर्यटन देश के आर्थिक परिदृश्य को बदलने में अहम भूमिका निभाएगा। इस संदर्भ में यह बात अच्छी है कि अगले 18 महीनों में राजस्थान में 15 हजार करोड़ रूपयों की लागत से सडकों का नेटवर्क तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र राज्य की जीडीपी में मात्र 2.5 प्रतिशत का योगदान दे रहा है जिसे बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में आने वाले पर्यटकों को एक्सेसिबिलिटी, अकोमोडेशन और सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है। ये प्रयास पर्यटन क्षेत्र को तेजी से आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि राजस्थान हवेलियों, किलों और महलों का प्रदेश है। राजस्थान सरकार अब आधुनिक और युवा राजस्थान को शोकेस करने पर ध्यान दे रही है, ताकि राजस्थान युवा पर्यटकों की भी पसंद बन सके।
इससे पूर्व आईएचएच के प्रेसीडेंट जोधपुर के महाराजा गज सिंह ने पर्यटन क्षेत्र से जुड़े जीएसटी के मामले जीएसटी काउंसिल में प्रमुखता से उठाने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस संदर्भ में अभी भी कुछ मुद्दे शेष रह गए है। उन्होंने कहा कि टैक्स की दर अधिक होने के कारण भारत का पर्यटन व्यवसाय पडौसी देशों में जा रहा है। इन देशों में टैक्स की दर 6 से 10 प्रतिशत है, जबकि भारत में यह 28 प्रतिशत तक है। उन्होंने भारत सरकार से हेरिटेज होटलों के लिए नेशनल हेरिटेज पॉलिसी जारी करने की अपील की, ताकि राज्य इसके आधार पर अपनी नीतियां बना सकें। समापन सत्र के दौरान राजस्थान विधानसभा के डिप्टी स्पीकर राव राजेन्द्र सिंह, महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री जयकुमार जितेन्द्र सिंह रावल, पर्यटन राज्य मंत्री कृष्णेन्द्र कौर, आईएचएचए के वाइस प्रेंसीडेंट जोस डोमिनिकय, विजयलाल और आईएचएचए के जनरल सैक्रेट्री रणधीर विक्रम सिंह मौजूद थे।
