नई दिल्ली । पिछले महीने घरेलू व निर्यात मांग पूरी तरह ठण्डी पड ̧ जाने से 1121 चावल सहित सभी बारीक प्रजाति मे 900/1000 रुपए का मंदा आ गया था जो अब सुधरने लगा है तथा जल्दी इसमे 700/800 रुपए की और तेजी के आसार बन गये है क्योकि पुराना धान 2800/2850 रुपए बिक गया। आप सुधि पाठकों को समय-समय पर बारीक चावल की तेजी-मंदी के विषय मे खबरे पढने को दी जाती रही है। उसी के तारतम्य मे ताज़ा सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक तरावडी, चीका, फतेेहाबाद, निसिंग, सफीदो, करनाल के साथ-साथ अमृतसर, तरंतारण एवं जंडियालागुरू लाइन मे 1121 धान का स्टॉक काफी कम बचा है। यूपी मे कुछ माल अधिक बचा था, लेकिन हरियाणा, पंजाब की लिवाली चलने से दादरी लाइन के माल भी 2800/2850 रुपए मे हरियाणा की राइस मिले खरीद करने लगी है। इससे सेला बनाने पर 5400 रुपए मिल मे पड रहा है जिससे निर्यातको व कारोबारियों की लिवाली चावल मे निकलने लगी है। फलत: 4500 नीचे मे बिकने के बाद आज 4800 रुपए का व्यापार हो गया तथा बाद मे कुछ माल तराबड़ी लाइन के 4850 रुपए बिक जाने की खबर थी। नई फसल आने में अभी पौने दो माह का समय और लगेगा तथा 1121 धान की रोपाई औसतन 30 प्रतिशत कम होने की पक्की रिपोर्ट आने लगी है। यूपी के कुछ कारोबारी 40 प्रतिशत तक रोपाई कम बोल रहे हैैं। वही 1509 एवं 1408 प्रजाति की बिजाई अच्छी बताई जा रही है, लेकिन 30 प्रतिशत असिंचित क्षेत्र जो केवल बरसात पर निर्भर होता है। वहां पानी की कमी से बिजाई की हुई फसल को खतरा उत्पन्न हो गया है। यह भी बताते चले कि धान की फसल के लिए पुरवईया हवा महत्वपूर्ण होती है। इस हवा मे धान ऊपर को बढता है, जो इस बार उमस भरी गर्मी पड रही है, जो फसल की ग्रोथ व बाली दोनो को कम कर देगी। इन हालातो को देखते हुए बारीक धान मे शीघ्र 300 रुपए एवं 1121 सेला चावल मे 700/800 रुपए की चालू माह मे और तेजी लग रही है। कुछ कारोबारी दुबई के आयातक द्वारा भुगतान रोक लिये जाने की चर्चा कर रहे है, लेकिन अन्य देशो मे भी यहां की अपेक्षा ऊंचे भाव होने से यहां से निर्यात मांग सुधरने लगी है। (एनएनएस)
बारीक चावल मे तेजी के आसार बने
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