Saturday, September 14, 2024
Home » बड़ी इलायची में और मंदी की सम्भावना नहीं

बड़ी इलायची में और मंदी की सम्भावना नहीं

by admin@bremedies
0 comment

नई दिल्ली। असम समेत अन्य प्रमुख उत्पादक राज्यों में बाढ़ आने की वजह से बड़ी इलायची की दूसरी तथा मुख्य फसल की आवक में देरी होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। आगामी समय में बड़ी इलायची और मंदी होने की आशंका नहीं है। यदि लिवाली बढ़ती है तो इसमें थोड़ा-बहुत सुधार भी हो सकता है।
गत जुलाई माह में आई बाढ़ के बाद अगस्त में असम में एक बार फिर बाढ़ आ गई। पूर्वाेत्तर भारत में इस अगस्त में इतनी भारी वर्षा हुई कि मेघालय और सिक्किम समेत अन्य राज्य भी बाढ़ की चपेट में आ गए। अंतिम सूचना के समय असम में बाढ़ की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार होने की जानकारी मिली। हालंाकि व्यापार पटरी पर आने में अभी और समय लगना निश्चित है। बहरहाल, असम, मेघालय, सिक्किम आदि राज्यों में आई बाढ़ की वजह से बड़ी इलायची की दूसरी तथा मुख्य फसल की आवक शुरू होने में देरी होने की आशंका व्यक्त की जाने लगी है। गौरतलब है कि दूसरी फसल की बड़ी इलायची की आवक आमतौर पर सितम्बर माह के दूसरे पखवाड़े में शुरू होती है। बाजारों में चल रही चर्चाओं पर यदि विश्वास किया जाए तो इस बार यह फसल अक्तूबर के आरम्भ से पहले शुरू नहीं हो पाएगी। इधर, ईद ऊल अझा यानी बकरीद सिर पर होने के बाद भी बड़ी इलायची का उठाव कमजोर बना होने से यहां इसमें हाल ही में मंदी आई है। स्थानीय थोक किराना बाजार में बड़ी इलायची झुंडीवाली हाल ही में 10 रुपए मंदी होकर फिलहाल 630/640 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर बनी हुई है। अभी तक मिले संकेतों के अनुसार बड़ी इलायची की दूसरी फसल बीते सीजन की तुलना में अधिक आने का अनुमान है। नेपाल में भी बड़ी इलायची की स्थिति भारत जैसी ही बनी होने की सूचनाएं मिल रही हैं। मांग एवं उठाव सामान्य से कमजोर होने के कारण नेपाल में बड़ी इलायची हाल ही में मंदी हुई है। यही वजह है कि नेपाल से आयातित बड़ी इलायची का पड़ता घटकर फिलहाल 39 हजार रुपए के आसपास रह जाने की रिपोर्ट्स आ रही हैं। जीएसटी लागू होने के कारण व्यापारियों ने माल मंगाने कम कर दिए हैं। वर्षा और बाढ़ के कारण नीलामियां अनियमित हो गई हैं। अंतिम सूचना के समय बड़ी इलायची की औसत नीलामी कीमत 550/825 रुपए पर बनी होनेे की सूचना मिली। आगामी दिनों में बड़ी इलायची और मंदी आने की आशंका नहीं है। यदि मांग बढ़ी तो इसमें थोड़ा-बहुत सुधार संभव है।
एनएनएस

You may also like

Leave a Comment

Voice of Trade and Development

Copyright @ Singhvi publication Pvt Ltd. | All right reserved – Developed by IJS INFOTECH