नई दिल्ली- आपूर्ति सामान्य की अपेक्षा कमजोर होने तथा खपत का सीजन सिर पर होने के कारण पिछले कुछ समय से सौंठ बढ़ी हुई कीमत पर मजबूती से डटी हुई है। आगामी दिनों में सौंठ मंदी होने की आशंका नहीं है।
उत्तर-पूर्वी भारत के प्रमुख उत्पादक राज्य असम में बाढ़ की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार असम में दूसरी बार आई बाढ़ के कारण हालात बहुत खराब हो गए थे लेकिन हाल ही में वर्षा रुक जाने के कारण बाढ़ की स्थिति में सुधार हुआ है और यदि सब कुछ सामान् रहा तो जल्दी ही रास्ते भी खुल जाएंगे और कारोबारी गतिविधियां पटरी पर आ जाएंगी। केरल की कोच्चि मंडी में बीते कुछ समय से सौंठ 125/140 रुपए प्रति किलोग्राम के पूर्वबंद स्तर पर रुकी हुई है। सौंठ में आई इस तेजी के बाद भी कोच्चि मंडी में सौंठ की नियमित आवक नहीं हो रही है। दूसरी ओर, कर्नाटक की मंडियों में भी इसकी कीमत तेज होकर फिलहाल 110/125 रुपए हो गई। इधर, स्थानीय थोक किराना बाजार में सौंठ सामान्य पिछले कुछ समय से 12,500/ 13,000 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर बनी हुई है। उधर, अंतर्राष्टï्रीय बाजार में चीन की सौंठ पिछले करीब एक महीने से 3.31 डॉलर प्रति किलोग्राम पर बनी हुई है।
गत वर्ष की आलोच्य अवधि में इसकी कीमत 3.57 डॉलर थी। इसी प्रकार, भारतीय सौंठ की अंतर्राष्टï्रीय कीमत 5.29 डॉलर प्रति किलोग्राम के एक वर्ष पूर्व के स्तर पर ही बनी होने की जानकारी मिली। दूसरी ओर, रुपए की तुलना में अमेरिकी डॉलर हाल ही में थोड़ा कमजोर हुआ है। यह निर्यातकों के लिए आकर्षक स्तर है। अमेरिकी डॉलर की मजबूती की वजह से आयातित सौंठ का पड़ता और ऊंचा पड़ रहा है। हाल ही के कुछेक वर्षों में देखा गया है कि देश में सौंठ के उत्पादन में लगातार कमी आ रही है क्योंकि उत्पादकों की सौंठ बनाने में रुचि निरंतर कम हो रही है।
इसका एक और प्रमुख कारण श्रमिकों की भारी कमी भी है। बताया जाता है कि केरल में मजदूरों की कमी की वजह से श्रमिक लागत में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई जबकि सौंठ की कीमत में आनुपातिक रूप से उतनी बढ़ोत्तरी नहीं हुई है।
घरेलू बाजारों की आसमान छूती कीमतों का सौंठ के निर्यात पर नकारात्मक असर ही हुआ है। मसाला बोर्ड के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 में 257.05 करोड़ रुपए कीमत की 24,950 टन सौंठ का निर्यात हुआ है। इसकी तुलना में बीते वित्त वर्ष में इसकी 24850 टन मात्रा का निर्यात हुआ था और इससे 275.95 करोड़ रुपए की आय हुई थी। इन आंकड़ों से स्पष्टï है कि इस बार सौंठ के मात्रात्मक निर्यात 1 प्रतिशत का नाममात्र सुधार हुआ है जबकि आय में 7 प्रतिशत की कमी आई है। आगामी समय में सौंठ मंदी होने की आशंका नहीं है।(एनएनएस)
