नई दिल्ली/एजेंसी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नोटबंदी जिस उद्देश्य से लाई गई थी उसमें सरकार आगे बढ़ रही है और इसका मकसद आम लोगों का धन जब्त करना नहीं था। रिजर्व बैंक की 2016-17 की वार्षिक रिपोर्ट पर जेतली ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नोटबंदी का उद्देश्य कालेधन को समाप्त करना, डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना और अर्थव्यवस्था को लेसकैश बनाना था।
इस दिशा में सरकार धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। कांग्रेस के रिजर्व बैंक के नोटबंदी के दौरान जमा नोटों के आंकडों पर सरकार को घेरने पर जेटली ने कहा कि जो लोग नोटबंदी का अर्थ नहीं समझते वे इस पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। जिन्होंने कालाधन के खिलाफ लड़ाई नहीं लड़ी वे नेाटबंदी को लेकर भ्रम पैदा कर रहे हैं।
नोटबंदी को सरकार जिस उद्देश्य के साथ लाई उसी दिशा में आगे बढ़ रही है। इसका मकसद जम्मू कश्मीर एवं छत्तीसगढ़ में आतंकवादी और नक्सलवादी गतिविधियों पर नकेल कसना था तथा नोटबंदी के बाद इन गतिविधियों में लिप्त तत्वों के पास संसाधनों की कमी होने लगी है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद व्यक्तिगत करदाताओं की संख्या में 27 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। जीएसटी के लागू होने के बाद सरकार ने राजस्व के जो अनुमान लगाए थे पहले महीने में उससे कहीं ज्यादा प्राप्त होने की उम्मीद है। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी के लक्ष्य को हासिल करने से इस बात का प्रमाण मिलता है कि लोग अब लेनदेन में पारदर्शिता अधिक अपनाने लगे हैं। जेतली ने कहा कि नोटबंदी का उद्देश्य जाली मुद्रा को खत्म करना था। सरकार का अगला कदम चुनाव में कालेधन को खत्म करना है।
